यहां हुआ ये फैसला
दिल्ली सरकार की ओर से निलंबित किए गए इन तीन अधिकारियों में उपायुक्त (ऑटो रिक्शा यूनिट) रॉय बिस्वास, निरीक्षक मनीष पुरी और क्लर्क अनिल यादव का नाम शामिल है। शनिवार को केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद तत्काल प्रभाव से इन सभी को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा इस बैठक में कथित घोटाला मामले में 900 से ज्यादा ऑटो के परमिट रद्द करने का फैसला भी लिया गया है।
केजरीवाल ने ट्विट कर दी जानकारी
इस बारे में उन्होंने ट्विट करते हुए जानकारी दी कि परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को तिपहिया वाहनों के लिए नए लैटर्स ऑफ इंट्रस्ट जारी करने में भ्रष्टाचार के आरोप में इन तीन अफसरों को निलंबित किया गया है। अपने एक अन्य ट्विट में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री ने कहा है कि लेटर्स ऑफ इंट्रस्ट को क्रमवार तरीके से जारी नहीं किया गया था, बल्िक इनको मनमाने तरीके से जारी किया गया। ऐसा तब हुआ जब इनको क्रम संख्या के अनुरूप जारी करने का ही आदेश है।
मामले की जांच CBI को सौंपी
सिर्फ यही नहीं इसके साथ ही ये भी पाया गया कि इनको आवेदकों के बजाए डीलर्स को जारी किया जा रहा था। फिलहाल दिल्ली सरकार की ओर से इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया है। इस बारे में आगे सिसोदिया ने कहा कि अब दिल्ली सरकार किसी भी रूप में भ्रष्टाचार को पनपने नहीं देगी।
भाजपा ने की परिवहन मंत्री के इस्तीफे की मांग
उधर, दूसरी ओर इस पूरे मामले के सामने आने के बाद भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कथित ऑटो रिक्शा परमिट घोटाले को लेकर शनिवार को राज्य के परिवहन मंत्री गोपाल राय के इस्तीफे की भी मांग उठा दी है। इसको लेकर उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल इस घोटाले में शामिल हैं और पार्टी दिल्ली सचिवालय पर सोमवार को उनके खिलाफ प्रदर्शन करेगी। सिर्फ यही नहीं उपाध्याय ने दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को भी पत्र लिखकर ऑटो रिक्शा परमिट वितरण में अनियमितताओं की शिकायत की है।
inextlive from India News Desk
National News inextlive from India News Desk