आम आदमी पार्टी (आप) में चल रही खींचतान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने वरिष्ठ आप नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी के प्रमुख पदों से हटाए जाने को सही फैसला करार दिया है. उनके मुताबिक, षड्यंत्र रचे जा रहे थे और सारी सीमा पार हो गई थी.
आप नेता आशुतोष की पुस्तक 'दि क्रॉउन प्रिंस, दि ग्लेडिएटर एंड दि होप' के विमोचन समारोह में केजरीवाल ने उस ऑडियो स्टिंग पर खेद जताया जिसमें उन्होंने आप नेताओं अजीत झा और आनंद कुमार के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा कि मैं भी मनुष्य हूं और मुझसे भी गलतियां हो जाती हैं. मैं उस समय बहुत गुस्से में था. जिस तरह की भाषा मैंने प्रयोग की, उससे बच सकता था. केजरीवाल ने बताया कि पिछले साल जून में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वह रोए थे क्योंकि उन्हें नीचे दिखाने के लिए ढेर सारे षड्यंत्र रचे जा रहे थे. लोग उनके ऊपर व्यक्तिगत हमले भी कर रहे थे.
सब के बावजूद मोदी से बेहतर है उनका माडल
केजरीवाल ने कहा कि उनके लोक केंद्रित शासन का मॉडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉडल से बेहतर है. साथ ही आरोप लगाया कि मोदी का मॉडल देश के मुठ्ठी भर धनी लोगों तक केंद्रित है. आप संयोजक ने जोर देकर कहा कि वह शासन पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं न कि पार्टी के आंतरिक संघर्ष पर. सत्ता में आने के बाद उन्होंने महसूस किया कि असली लड़ाई नौकरशाही से है और वह ढांचागत बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
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