- 5 बजे सुबह शुरू हुआ लिवर ट्रांसप्लांट

- शाम 7 बजे मरीज पहुंचा आईसीयू

- 25 से ज्यादा डॉक्टर्स की टीम रही इन्वॉल्व

- 14 घंटे लगे लिवर ट्रांसप्लांट में

- 8 लाख रुपए का आया पूरा खर्च

- 80 लाख का लगभग खर्च आता है दूसरे संस्थानों में

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LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू)) के डॉक्टर्स मात्र 8 लाख रुपए के खर्च में लिवर ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा है. केजीएमयू ने दावा किया है कि देश के दूसरे शहरों में स्थित कारपोरेट हॉस्पिटल्स में लिवर ट्रांसप्लांट में 70 से 80 लाख रुपए का खर्च आता है.

सुबह 5 बजे से शुरू

केजीएमयू सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. अभिजीत चंद्र की अगुवाई में गुरुवार सुबह 5 बजे लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की गई. डॉक्टर्स के अनुसार देर शाम तक लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया चलती रही. करीब सात बजे मरीज को ट्रांसप्लांट आईसीयू में शिफ्ट किया जा सका. सूत्रों के अनुसार पहले डोनर से लिवर को निकाला गया. उसके बाद मरीज में लिवर ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया शुरू की गई. मरीज को ट्रांसप्लांट आईसीयू में शिफ्ट करने के बाद डॉक्टर्स की टीम लगातार उस पर नजर बनाए हुए हैं. डॉक्टर्स के अनुसार डोनर और मरीज दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है. मरीज को अगले 15 दिन ट्रांसप्लांट आईसीयू में रखा जाएगा.

50 वर्ष का है मरीज

यह जीवित अंगदाता से प्राप्त लिवर का प्रत्यारोपण था. जिसमें 50 वर्ष के पुरुष को ट्रांसप्लांट किया गया. वह क्रोनिक लिवर रोग से पीडि़त थे. उनकी 48 वर्षीय पत्नी ने अपना लिवर डोनेट किया. लिवर प्रत्यारोपण एक जटिल सर्जरी की प्रक्रिया है. यह केजएमयू में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए मील का पत्थर शामिल होगा.

इस टीम ने किया कमाल

केजीएमयू से प्रत्यारोपण टीम में डॉ. अभिजीत चंद्रा, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. प्रदीप जोशी, डॉ. मो. परवेज, डॉ. अनीता मलिक, डॉ. तन्मय तिवारी, डा. एहसान, डॉ. अनित परिहार, डॉ. रोहित, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन से डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. सुमित रुंगटा, डॉ. डी हिमांशु सहित अन्य 25 से ज्यादा डॉक्टर्स की टीम शामिल रहीं. वहीं माइक्रोबायोलॉजी, एनेस्थीसिया, गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी, मेडिसिन, गैस्ट्रो सर्जरी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन सहित अन्य विभागों के एक्स्प‌र्ट्स ने भी इसमें अहम रोल अदा किया.

दिल्ली के डॉक्टर्स भी रहे शामिल

केजीएमयू में हुए पहले लिवर ट्रांसप्लांट में नई दिल्ली स्थित मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. सुभाष गुप्ता की टीम की मदद ली गई. डॉ. सुभाष गुप्ता की टीम से डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. राजेश डे, डॉ. शालीन अग्रवाल व अन्य सर्जन भी शामिल रहे.

सिर्फ आठ लाख का खर्च

केजीएमयू का दावा है कि इस ट्रांसप्लांट भारत के अन्य हॉस्पिटल्स तुलना में काफी खर्च आया है. सूत्रों के अनुसार केजीएमयू में लिवर ट्रांसप्लांट का अधिकतम खर्च लगभग 7 से 8 लाख रुपए आने का अनुमान है. जो किसी भी कारपोरेट हॉस्पिटल का 10 फीसद ही है. दूसरे कारपोरेट संस्थानों में लिवर ट्रांसप्लांट में करीब 70 से 80 लाख का खर्च आता है. प्रो. एमएलबी भट्ट की देखरेख में प्रत्यारोपण सर्जरी सुबह 5 बजे शुरु हुई और देर शाम तक चली. दोनों की हालत अभी स्थित बताई जा रही है.