अभिनेता अमिताभ बच्चन लता मंगेशकर को बधाई देते हुए कहते हैं, "मैं ही क्या पूरी दुनिया दिल से दुआ करती है कि लता दीदी चिरायु रहें. युगों-युगों तक अपने संगीत से हमें धन्य करती रहें. एक बार मैंने अपने पिताजी से पूछा कि लता दीदी के बारे में आपकी क्या राय है. तो वो बोले कि उनकी आवाज़ शहद की लहर की तरह है जो कभी टूटती नहीं."
यूं तो लता मंगेशकर और उनकी बहन आशा भोसले के बीच हमेशा उनके प्रशंसक तुलना करते रहते हैं और अपनी अपनी पसंदीदा गायिका को बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन बीबीसी से हुई एक ख़ास बातचीत में ख़ुद आशा भोसले ने माना था कि उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर उनसे कहीं बेहतर हैं.
दोनों के बीच पहले मन-मुटाव की ख़बरें आती रहीं, लेकिन इस साल मुंबई में हुए एक समारोह में दोनों बहनें खुलकर मिलीं.
लता मंगेशकर ने ताउम्र शादी क्यों नहीं की ? उनके प्रशंसकों के ज़ेहन में ये सवाल कई बार आता है.
बीबीसी से हुई एक ख़ास मुलाक़ात में लता मंगेशकर ने इसका जवाब दिया. वो बोलीं, " दरअसल घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था. सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को व्यवस्थित कर दूं. फिर कुछ सोचा जाएगा. फिर बहन की शादी हो गई. बच्चे हो गए. तो उन्हें संभालने की ज़िम्मेदारी आ गई. और इस तरह से वक़्त निकलता चला गया."
लता मंगेशकर ने 40 के दशक में अपने गायन करियर की शुरुआत की. उन्होंने शुरुआत में कुछ फ़िल्मों में अभिनय भी किया, लेकिन उन्होंने एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि अभिनय करना उन्हें ज़रा भी पसंद नहीं था.
शुरुआती अभिनय करने के बाद उन्होंने ये क्षेत्र छोड़कर पूरी तरह से गायन में अपना ध्यान लगाया. यश चोपड़ा सरीखे कई फ़िल्मकारों ने उनसे अपनी तक़रीबन हर फ़िल्म में गाना गवाया.
'कभी-कभी', 'दीवार', 'त्रिशूल' से लेकर साल 2003 में आई 'वीर-ज़ारा' तक लता मंगेशकर ने यश चोपड़ा की सभी फ़िल्मों में गाना गाया.
लता मंगेशकर अपने दौर के सभी संगीतकारों की चहेती रहीं. करियर की शुरुआत में कई लोगों को उनकी आवाज़ में 40 के दशक की सुपरस्टार गायिका नूरजहां की आवाज़ की झलक मिली.
लेकिन साल 1949 में आई 'महल' के गाने 'आएगा आने वाला ने' सारे समीकरण ही पलट कर रख दिए. इस गाने में लता मंगेशकर ने अपना अलग स्टाइल अपनाया. मधुबाला पर फ़िल्माया गया ये गीत ऐतिहासिक हिट हुआ.
लता मंगेशकर ने अपने 60 साल से भी ज़्यादा लंबे गायन करियर में नरगिस दत्त, मीना कुमारी, वहीदा रहमान, साधना, सायरा बानो से लेकर नए दौर की अभिनेत्रियों जैसे काजोल और रानी मुखर्जी तक के लिए गाने गाए.
बीबीसी से एक ख़ास मुलाक़ात में लता मंगेशकर ने बताया कि गीतकार मज़रुह सुल्तानपुरी की पत्नी से उनकी ख़ासी अच्छी दोस्ती थी. इसके अलावा दिलीप कुमार उन्हें अपनी छोटी बहन मानते हैं.
लता मंगेशकर ने कवि प्रदीप का लिखा गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों', 60 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने गाया था और कहा जाता है कि ये गीत सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे.
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