-रियलिटी चेक में फेल साबित हो रहे कोरोनावायरस से निपटने के इंतजाम

-आगरा में महज 215 बेड के आइसोलेशन वार्ड, निजी अस्पतालों से नहीं है संपर्क

आगरा: अरेआप शुभ-शुभ बोलिए न ही फैले तो अच्छा है। जी हां हम भी चाहते हैं कि न फैले, लेकिन फैल गया तो क्या? हेल्थ डिपार्टमेंट के एक अधिकारी से जब कोरोनावायरस से निपटने के बंदोबस्त के बारे में पूछा, पूछा कि कितने वेंटीलेटर हैं, आपके पास। तो श्रीमान थोड़ा सकुचाते हुए बोले के हमारे पास पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर है। यहां बता दें कि हमारा उद्देश्य पैनिक क्रिएट करना नहीं बल्कि इस बात की तफ्तीश करना है कि आखिर हम तैयारियों के मामले में कहां पर खड़े हैं? अब जरा दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पड़ताल पर नजर डाल लें

तो मरीजों को कैसे मिलेगा इलाज?

आगरा-अलीगढ़ मंडल के जनपद आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फीरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज कुल 8 जनपदों की 3 करोड़ से अधिक पापुलेशन के लिए 10 वेंटीलेटर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर प्रदेश सरकार कोरोनावायरस को देश के गंभीर बताते हुए जनसामान्य को बचाव के उपाय तो सुझा रहे हैं। किंतु इन्फ्रास्ट्रक्टचर की ओर किसी का ध्यान नहीं हैं। बात करें आगरा-अलीगढ़ मंडल की 3 करोड़ पॉपुलेशन में महामारी फैलने की स्थिति में हजारों की संख्या में ऐसे पेशेंट हो सकते हैं जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत होगी किंतु यह उपलब्ध नहीं हैं।

महज 215 बेड़ का आइसोलेशन वार्ड

यूपी में सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव अब तक आगरा में मिले हैं। और बात करें हेल्थ डिपार्टमेंट की तैयारियों की तो यहां सिर्फ 215 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। जिसमें से सर्वप्रथम जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड जिसमें से 5 महिला और 5 पुरुष के लिए हैं बना है। एसएन मेडिकल कॉलेज में 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना है जिसमें 10 वेंटीलेटर भी शामिल हैं। सेचुएशन बिगड़ी तो मेडिकल कॉलेज में ही बाल रोग विभाग में 40 बेड और रेलवे अस्पताल में 135 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। क्वारेन्टाइन वार्ड आगरा में नहीं है, जिसपर डीएम प्रभु एन सिंह के आदेश में शुक्रवार को एक होटल में 45 कमरों को क्वारेन्टाइन फैसिलिटी के लिए तैयार किया गया है।

डॉक्टर्स के पास नहीं है मॉस्क

आइसोलेशन वार्ड में तैनात डॉक्टर्स सभी सुरक्षा मानकों के साथ जांच नहीं कर पा रहे हैं। वहीं गत दिनों मेडिकल कॉलेज में मॉस्क न मिलने पर जूनियर डॉक्टर्स ने पेशेंट देखने से इनकार कर दिया था। पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेट (पीपीई) किट भी रैपिड रिस्पांस टीम में शामिल डॉक्टर्स को कई दिन बाद मिल सकीं। वहीं मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में ओपीडी में डॉक्टर्स बिना सेफ्टी किट के साथ पेशेंट को देख रहे हैं।

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आगरा में एसएस मेडिकल कॉलेज में 10 वेंटीलेटर हैं। पेशेंट की संख्या यदि बढ़ी तो हमारे पास बैकअप है। हमारा प्रयास तो यह है कि कोरोना पेशेंट के नंबर न बढ़ें।

-डॉ। मुकेश कुमार वत्स, सीएमओ, आगरा

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हेल्थ डिपार्टमेंट को लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। डेडीकेटेड वेंटीलेटर के लिए काम किया जा रहा है। जिला प्रशासन प्राइवेट हॉस्पिटल के संपर्क में है।

-प्रभु एन सिंह, जिलाधिकारी, आगरा

Posted By: Inextlive