RANCHI: जिला प्रशासन ने रांची में रहनेवाले स्टूडेंट और जॉब करने वाले लोगों को अपने घर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए हेहल, रांची, बड़गईं और अरगोड़ा अंचल समेत जिले के सभी बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि वे लॉकडाउन की वजह से रांची में फंसे अपने अंचल और प्रखंड के एरिया के स्टूडेंट्स या नौकरी करनेवाले लोगों की लिस्ट तैयार करें। उन्हें जल्द ही बस से उनके घर तक छोड़ा जाएगा।

सूची हो रही तैयार

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि रांची में रह रहे वैसे छात्र जो अपने घर जाना चाहते हैं, उनकी लिस्ट बन रही है। अधिकतर अंचल और प्रखंड से सूची आ गई है। उन्होंने बताया कि कुछ और लिस्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही सारी सूची आ जाएगी, उसके मुताबिक प्रशासन एक रूट तय करेगा और बस की व्यवस्था की जाएगी। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक रांची में रहनेवाले करीब 38 हजार ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है, जो रांची में रहकर या तो पढ़ाई करते हैं या फिर नौकरी। इन्हें अपने घर जाना है। हालांकि यह लिस्ट और भी बढ़ सकती है।

बीडीओ-सीओ से करें संपर्क

जो भी व्यक्ति रांची से हजारीबाग, चतरा, डाल्टनगंज, पलामू गढ़वा, गोड्डा, साहिबगंज, दुमका, देवघर, गढ़वा, जामताड़ा, सिमडेगा, चाईबासा, जमशेदपुर, लातेहार, लोहरदगा, गुमला जाना चाहते हैं वे अपने नजदीक के सर्किल ऑफिसर (सीओ) या ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से संपर्क कर सकते हैं।

सभी की होगी स्क्रीनिंग

रांची में रहनेवाले लोगों को लेकर जाने वाली बस को प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय में ले जाएगा। वहां सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग के रिजल्ट के आधार पर जरूरत के मुताबिक लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटीन या होम क्वारंटीन में रखा जाएगा।

मुझे अपने घर गुमला जाना है, लेकिन लॉकडाउन में गाड़ी नहीं चलने की वजह से मैं रांची में ही फंस गया हूं। अब इंतजार इस बात का है कि प्रशासन हमलोगों को घर जाने की जल्दी से जल्दी कोई व्यवस्था करे।

अंकित गुप्ता, बरियातू

लॉकडाउन के पहले से ही रांची में फंस गया हूं। अब गाड़ी मिल नहीं रही है। मुझे अपने घर हजारीबाग जाना है, लेकिन जब तक बस नहीं चलेगी घर जाने में परेशानी होगी। अब हम लोग प्रशासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। हमें जल्द से जल्द घर भेजने की व्यवस्था करें।

अभिषेक कुमार, लालपुर

लॉकडाउन होने के बाद काम बंद हो गया और गाड़ी नहीं मिलने की वजह से अपने घर गिरिडीह नहीं जा पा रहा हूं। घरवालों की चिंता भी सता रही है और खाने-पीने की भी कोई खास व्यवस्था नहीं हो पा रही है। प्रशासन से यही आग्रह है कि मुझे किसी तरह अपने घर पहुंचाने की व्यवस्था करे।

-मनोज कुमार, पिस्का मोड़

Posted By: Inextlive