स्वतंत्र भारत के पहले कानून और विधि मंत्री डॉक्टर भीम राव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस है। भारतीय संविधान के आर्किटेक्ट अंबेडकर ने हमेशा देशवास‍ियों को जात‍ि धर्म से हटकर सोचने के प्रेर‍ित क‍िया है। 65 की उम्र में 6 द‍िसंबर 1956 को इस द‍ुनि‍या को अलव‍िदा कहने वाले अंबेडकर कहते थे क‍ि हिंदू पैदा तो हुआ हूं लेकिन हिंदू मरूंगा नहीं। उन्‍होंने बौद्ध धर्म अपना एक म‍िसाल पेश की। आइए आज पढ़ें उनके 10 अनमोल व‍िचार जो धर्म और जात‍ि के नाम लड़ने वाले लोगों को बनाएंगे समझदार...


समता और बंधुत्वमुझे वो धर्म पसंद है जो आजादी, समता और बंधुत्व सिखाता है। ज़िंदगी लंबी नहींज़िंदगी लंबी नहीं बल्कि महान होनी चाहिए।  समुदाय की प्रगतिमैं एक समुदाय की प्रगति महिलाओं द्वारा हासिल उपलब्धियों में मापता  हूं।  अब इन राज्यों की ओर तेजी से बढ़ा ओखी तूफान, भारतीयों को 4500 साल पहले से है हवाओं का ज्ञानहम सबसे पहलेहम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं। सिद्धांत के रूप मेंसमानता एक कल्पना है फिर भी हमें इसे एक सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना चाहिए। मानव अस्तित्वमन की खेती मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। पौधे को पानीविचार नश्वर हैं, किसी विचार का प्रसार उतना ही जरूरी है जितना पौधे को पानी देना। अन्यथा दोनों सूख जाएंगे और मर जाएंगे।

Posted By: Shweta Mishra