Coronavirus से बचना है तो पेन, पेंसिल या फोन की शेयरिंग न करें : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व सचिव
नई दिल्ली (एएनआई)। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व सचिव डाॅ. रवि मलिक ने बृहस्पतिवार को कहा कि पेन, फोन इत्यादि के शेयरिंग से लोगों को बचना चाहिए। इन चीजों के लेन देन से कोरोना वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
कम्युनिटी शेयरिंग से पब्लिक बचेडाॅ. मलिक का कहना था कि लोगों को कम्युनिटी शेयरिंग से बचना चाहिए। इस प्रकार के शेयरिंग में पेन, फोन या कोई वस्तु शामिल हो सकता है। यह पता करना अभी बहुत मुश्किल है कि कोविड-19 का संक्रमण मरीज में कैसे आया हवा से, किसी चीज के छूने से या किसी चीज को खाने से शरीर के भीतर पहुंचा।Coronavirus : जानें क्या है COVID-19 और क्यों पड़ा ऐसा नामपब्लिक प्लेस पर मास्क यूज करेंउनकी सलाह थी कि व्यक्ति जब भी बाहर पब्लिक प्लेस में जाए तो मास्क लगा कर जाए क्योंकि हो सकता है वायरस बीमार व्यक्ति से हवा के जरिए संक्रमित कर दे। यदि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज पेपर या पेन जैसी किसी चीज पर छींक देता है तो उस सामान को यूज करने वाला कोई भी संक्रमित हो सकता है। अब किस चीज पर वायरस कितनी देर तक जिंदा रहता है यह उसकी सतह, तापमान और ह्यूमिडिटी पर निर्भर करता है।
कार्डबोर्ड पर 8 घंटा तक संक्रमण
डाॅ. मलिक ने बताया कि कोरोना वायरस मेटल पर तकरीबन 1 घंटे तक जीवित रह सकता है जबकि वह कार्डबोर्ड पर 8 घंटे तक जीवित रह सकता है। यही वजह है कि लोगों को इस प्रकार की चीजों के कम्युनिटी शेयरिंग से बच कर रहना चाहिए।COVID-19 : कोरोना वायरस से बचने में लहसुन या एंटीबाॅयोटिक्स खाना कितना कारगर? WHO ने तोड़े इस वायरस से जुड़े तमाम मिथ, आप भी जानेंसाफ-सफाई का खूब ध्यान रखेंडाॅ. मलिक ने कहा कि मास्क पहनने के साथ-साथ जरूरी है कि साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए। जिनमें बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना और आसपास स्वच्छता बरकरार रखना शामिल है।हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन खुद प्रयोग न करेंआईसीएमआर ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोविड-19 के मरीजों के उपचार या उसके संपर्क में रहने वालों के लिए प्रयोग की सलाह दी है। डाॅ. मलिक ने बताया कि यह दवाई मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। इसका इस्तेमाल बिना डाॅक्टरी सलाह के खुद से नहीं करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यह दवा 15 साल से कम उम्र के बच्चों या जो बहुत सेंसेटिव हैं उनको नहीं दी जानी चाहिए।COVID-19 : जानलेवा कोरोना को 123 साल पुराने कानून से हराएगा भारत, जानें इस एक्ट की खूबियां