डेलापीर चौराहे पर बन रही नई रोटरी को लेकर ट्रैफिक जाम की अड़चन

लोगों ने जतानी शुरू की परेशानी बड़े शहरों में रोटरी खत्म करने की होड़

BAREILLY:

बरेली की पहचान झुमका को स्थापित करने के लिए बन रही रोटरी कहीं शहर की रफ्तार न रोक दे। बरेली विकास प्राधिकरण डेलापीर चौराहा के बीचो-बीच रोटरी बनवा रहा है। बीच सड़क पर रोटरी से ट्रैफिक प्रभावित होना तय है। देशभर में ट्रैफिक को रफ्तार देने के लिए रोटरियां सड़क किनारे बनाई जा रही है। ऐसे में, बीडीए के इस कदम पर सवाल उठना लाजिमी भी है। ऐसा भी हो सकता है कि अतिक्रमण हटाकर रोटरी को सड़क किनारे बना दिया जाए।

बड़े शहरों की रोटरी को न

बीडीए की ओर से पिछले दिनों डेलापीर चौराहे पर 14 मीटर के दायरे में रोटरी का खाका खींच दिया गया है। रेत की बोरियों से राउंड शेप में खींच दी गई इस लक्ष्मण रेखा से आने जाने वाले राहगीरों को दिक्कत होने लगी है।

इस दिक्कत ने जो सवाल खड़ा किया है वह यह कि एक ओर जहां ट्रैफिक सेंस के हिसाब से तेजी डेवलेप हो रहे भोपाल व दिल्ली जैसे बड़े शहर अपने यहां रोटरी सिस्टम खत्म कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर स्मूद ट्रैफिक वाले डेलापीर चौराहे पर रोटरी बनाकर बीडीए ट्रैफिक को सुस्त करने पर तुला हुआ है। इसके अलावा डेलापीर तालाब के पास पब्लिक टॉयलेट को तोड़ने की भी तैयारी की जा रही।

तो बच सकता है ट्रैफिक

रोटरी सिस्टम खत्म करने के पीछे एक बड़ी वजह चौराहों की जगह का पूरा व सही इस्तेमाल करना है। जानकारों के मुताबिक मानकों के तहत रोटरी न बनने से बड़े वाहनों को चौराहों से निकालना बड़ी दुश्वारी बनता है। जिससे जाम लगता है। अयूब खां चौक इसकी बड़ी नजीर है। वहीं चौराहों के साइड में रोटरी बनाकर न सिर्फ निर्माण भी कराया जा सकता है, बल्कि इससे ट्रैफिक सिस्टम भी नहीं बिगड़ता। कैंट के चिल्ड्रेन पार्क के सामने की रोटरी इसकी मिसाल है। जिसमें आर्मी ने बिना ट्रैफिक सिस्टम प्रभावित किए कारगिल जंग में शामिल जवानों की शहादत को यादगार बना दिया।

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रोटरी का निर्माण कराने से पहले 14 मीटर का दायरा बनाकर सिर्फ ट्रॉयल लिया जा रहा। जो भी अड़चनें आएंगी उसका हल निकाला जाएगा। मानकों के तहत रोटरी बने तो यह ट्रैफिक को प्रभावित नहीं करेगी।

- गरिमा यादव, सचिव, बीडीए

Posted By: Inextlive