बरेली को मिला झुमका, न्यू ईयर पर सेल्फी लेने को रेडी रहें बरेलियंस
झुमके में यह है खास
-2 क्विंटल वेट -28 फिट हाइट -30 लाख का बजट -25 दिसंबर तक चौक तैयार करना का प्लान -53 साल पहले आए गाने की वजह से फेमस हुआ था बरेली का झुमका फ्लैग- 90 के दशक से झुमका लगाने की हो रही थी तैयारी, अब मिली सफलता -परसाखेड़ा तिराहे पर लगाया गया झुमका, सिर्फ 40 परसेंट बचा है वर्क -तिराहे पर बनाया जाएगा सेल्फी प्वॉइंट, मुरादाबाद-दिल्ली की ओर से आने वालों का वेलकम करेगा झुमकाबरेली: बरेलियंस झुमके के साथ सेल्फी लेने के लिए रेडी हो जाएं क्योंकि बरेली को झुमका मिल गया है। 1966 में आई सुपरहिट फिल्म मेरा साया में अभिनेत्री साधना पर फिल्माए गीत झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार मेंसे बरेली का नाम काफी फेमस हुआ था। जिसके बाद 90 के दशक में शहर में झुमका लगाने का प्लान तैयार हुआ था जिस पर अब जाकर सफलता मिली है। बीडीए ने परसाखेड़ा तिराहा (जीरो प्वाइंट) पर झुमका लगवा दिया है। इसका 60 परसेंट वर्क पूरा हो चुका है। बाकी बचा 40 परसेंट वर्क न्यू ईयर तक पूरा करने का प्लान है। वहीं अधिकारियों के मुताबिक 25 दिसंबर तक झुमका लगाकर चौक रेडी हो जाएगा। यह बरेलियंस के लिए न्यू ईयर गिफ्ट होगा।
मुरादाबाद के वर्कर बना रहे झुमकाझुमके को पीतल नगरी कहे जाने वाले मुरादाबाद के फेमस कारीगर बना रहे हैं। इसका वेट करीब दो क्विंटल और हाइट करीब 28 फिट है। तीन महीने से झुमका बनाया जा रहा है। इस दौरान कारीगर रोजाना 16-18 घंटे काम कर रहे हैं। झुमके में महीन नक्काशी का काम भी नजर आएगा।
इंडिया गेट की तरह लाइटिंग जीरो प्वॉइंट तिराहा पर लगाया गया झुमका मुरादाबाद और दिल्ली की ओर से आने वाले लोगों का वेलकम करेगा। वहीं झुमके पर इंडिया गेट की तर्ज पर लाइटिंग की जाएगी। यहां फुलवारी और सेल्फी प्वॉइंट भी बनाया जाएगा। इसके लिए करीब 30 लाख का बजट पास किया गया है। पहले वेस्ट एंड क्रेप से होना था वर्क एक साल पहले शहर से निकलने वाले वेस्ट एंड क्रेप यानि कचरे से झुमका का निर्माण होना था, लेकिन बाद में इसमें सहमति नही वजह थी कि इस प्रोजेक्ट से शहर को पहचान मिलनी थी। इसलिए वेस्ट एंड क्रेप से निर्माण कराना ठीक नहीं लगा। बाद में नये सिरे से कार्य योजना तैयार कर कवायद शुरु की गई।विशेष रूप से बनाया गया झुमका चौराहे पर लगा दिया गया है। अभी इस पर नक्काशी समेत अन्य कार्य भी कराए जाएंगे। मुरादाबाद के नामचीन कारीगर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
अजीत प्रताप सिंह, चीफ इंजीनियर, बीडीए।