कर्ज के बोझ तले दबा ग्रीस आखिरकार दिवालिया घोषित हो गया। सरकार की जिद और यूरो जोन का कड़ा रुख देशवासियों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर गया। अब न तो वहां कोई बैंक खुलेंगे और न ही सरकारी कर्मचारियों को सैलरी मिलेगी। वैसे दिवालिया होने का दंश झेलना वाला ग्रीस अकेला देश नहीं है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 200 सालों में करीब 83 देश दिवालिया घोषित हो चुके हैं। इनमें से कई बड़ी इकोनॉमी वाली कंट्रीज भी थीं।

बड़ी-बड़ी इकोनॉमी हुई हैं फेल
दिवालिया होने की कहानी नई नहीं है। पिछली दो शताब्दी से कई देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। रिपोर्ट की मानें, तो कुल 83 देश ऐसे हैं, जो दिवालिया हो चुके हैं। इनमें कई विकसित देश भी शामिल हैं, जिनके पास दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है। यूएस, जर्मनी, जापान और यूके यही वो देश हैं जिनके ऊपर दिवालिया का कलंक लग चुका है। किसी देश के दिवालिया होने पर उसका बेसिक सिस्टम बिगड़ जाता है। पॉवर कंपनियां अपना ऑपरेशन रोक कर देती हैं, तो वहीं गैस और पेट्रोल स्टेशन बंद कर दिए जाते हैं। इसके अलावा बैंकों पर ताले लटक जाते हें, तो वहीं सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोक दी जाती है।
अमेरिका 5 बार हुआ शिकार
दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश अमेरिका एक-दो बार नहीं बल्िक कुल 5 बार इसकी चपेट में आया है। पहली बार विदेशी कर्जा न दे पाने के कारण इसे दिवालिया घोषित किया गया था। तो वहीं चार बार अंदरुनी कर्जे में डूबने से अमेरिका को यह दंश झेलना पड़ा। इस माहौल में बैंकिंग सेक्टर में फाइनेंशियल क्राइसिस हो जाती है। अब अगर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देश की बात करें, तो यूके भी 4 बार दिवालिया घोषित हो चुका है।
जर्मनी भी लिस्ट में शामिल
वैसे दिवालिया होने वाले देशों की लिस्ट तो काफी लंबी है। लेकिन इसमें कुछ प्रमुख देशों पर नजर डालें तो जर्मनी भी इससे बच नहीं सका है। वर्ल्ड बार 1 एंड 2 में जर्मनी के सामने काफी भयावह स्िथति पैदा हो गई थी। बड़े कर्ज में डूबा इस देश के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बचा और आखिरकार इसे भी दिवालिया होना ही पड़ा। हालांकि बाद में बेहतर सरकारी नीतियों और अनुशासन की बदौलत जर्मनी आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर सामने आई। फिलहाल आइसलैंड और अर्जेंटीना भी दिवालिया होने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari