RANCHI: आईपीएल-क्0 जैसे-जैसे परवान चढ़ रहा है। वैसे-वैसे राजधानी रांची में सट्टेबाजों और बुकी के फोन भी व्यस्त नजर आने लगे हैं। फोन, बेबसाइट के जरिए करोड़ों के दावं लगाए जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, रांची में हर मैच पर कम से कम पांच करोड़ का कारोबार हो रहा है।

ऐसे लगाते हैं दावं

सूत्रों की मानें, तो ग्राहक दावं लगाने के लिए कॉल करता है। उसे यूजर नेम और पासवर्ड दिया जाता है। हारने-जीतने वालों का ऑनलाइन रिकॉर्ड भी रहता है। इनके पास एक रजिस्टर भी रहता है, जिसमें सट्टेबाजों के नाम और उनकी राशि दर्ज रहती है।

एडवांस देना होता है क्0 हजार

जिस व्यक्ति को सट्टा खेलना होता है, उसे पहले बुकी के अकाउंट में क्0 हजार रुपए एडवांस के रूप में डालना होता है। इस खेल में उसका विश्वास तब जगता है, जब देख लेता है कि अगला कितना तक भार ग्रहण कर सकता है।

अंतिम ब् ओवर में बोली बंद

सट्टा खेलनेवाले अरगोड़ा के पप्पू ने बताया कि खिलाड़ी, बॉल, टॉस, रन से लेकर मैच जीतने-हारने तक की बोली लगती है। उसने बताया कि अंतिम चार ओवर में सट्टे की बोली बंद हो जाती है।

कोड वर्ड का खेल

सट्टे के खेल में कोड वर्ड का इस्तेमाल होता है। सट्टे पर पैसे लगाने वाले को फंटर कहते हैं। पैसे का हिसाब-किताब रखने वाले को बुकी कहा जाता है। सट्टा लगाने वाले फंटर ख् शब्द खाया और लगाया का इस्तेमाल करते हैं। यानी किसी टीम को फेवरिट माना जाता है, तो उस पर दांव लगाना कहते हैं, वहीं दूसरी टीम पर दांव लगाना हो तो उसे खाना कहते हैं। इस खेल में डिब्बा अहम भूमिका निभाता है। यह मोबाइल का वह कनेक्शन है, जो मुख्य सटोरियों से फंटर को कनेक्शन देता है। जिस पर हर बॉल का रेट बताया जाता है। पूरे आईपीएल के दौरान डिब्बे का कनेक्शन ढाई से फ् हजार में मिलता है। इसका कनेक्शन एक खास नंबर होता है, जिसे डायल करते ही उस नंबर पर कमेंट्री शुरू हो जाती है।

दो सेशन में सट्टा

आईपीएल मैच में सट्टा दो सेशन में लग रहा है। दोनों सेशन क्0-क्0 ओवर के होते हैं। 'सेशन एक पैसे का है, 'मैने चव्वनी खा ली है 'डिब्बे की आवाज कितनी है 'तेरे पास कितनी लाइन है, 'आज फेवरिट कौन है, 'लाइन को लंबी पारी चाहिए। कहने को ये सिर्फ चंद उटपंटाग-अल्फाज लग रहे हैं, लेकिन यह बोलने मात्र से करोड़ों का लेनदेन हो रहा है। डिब्बे पर अगर किसी टीम को फेवरेट मानकर उसका रेट 80-8फ् आता है, तो इसका मतलब यह है कि फेवरेट टीम पर 80 हजार लगाओगे तो क् लाख रुपए मिलेंगे और दूसरी टीम पर 8फ् हजार लगाओगे तो क् लाख रुपए मिलेंगे।

स्टूडेंट्स व बेरोजगार खेल रहे सट्टा

क्रिकेट के सट्टे का बड़ा गढ़ अब रांची बनने जा रहा है। आईपीएल के लिए इस बार एक या दो नहीं, बल्कि चार दर्जन ठिकानों पर बुकी दांव लगवा रहे हैं। मैच शुरू होने से पहले ही सभी टीमों के रेट जारी कर दिए गए हैं। इस खेल की ज़ुबान भी अजीबो गरीब है। सट्टा लगाने वाले शख्स को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी फंटर के ज़रिए से बुकी (डिब्बे) तक राबिता करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज ख्0 ओवर की लंबी पारी, क्0 ओवर का सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। मैच की पहली गेंद से लेकर टीम की जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, भ्0 हजार को अठन्नी, ख्भ् हजार को चवन्नी कहा जाता है। अगर किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को 'मैंने चवन्नी खा ली कहना होता है।

क्वोट

इस मामले में पुलिस बुकी पर नजर बनाए हुए है। पुलिस अपना काम कर रही है, जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होगा।

-कुलदीप द्विवेदी, एसएसपी, रांची

Posted By: Inextlive