बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्‍व के गले की फांस बने पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी अब नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर रविवार को पूरे दिन भाजपा नेताओं का आपस में और मांझी संग बैठक चलती रही। इस बीच भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह में फोन पर मांझी से इस बात को पूरी तरह से साफ कर दिया कि सिर्फ उनके मान को रखने के लिए तय फॉर्मूले से दो-चार सीटें ज्‍यादा दी जा सकती हैं।

भाजपा ने अपनाई रणनीति
इसके इतर रविवार को ही पूरे दिन मांझी अपने बेटे के बिहार में पैसे को लेकर पुलिस द्वारा पकड़े जाने को लेकर भी खासे परेशान रहे। मांझी के तेवरों पर भाजपा नेतृत्व ने ठीक वैसी ही रणनीति अपनाई, जैसी कि पार्टी की ओर से रामविलास पासवान के लिए अपनाई गई थी। भाजपा के सीट समझौते की रणनीति से जुड़े नेताओं में अनंत कुमार, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान ने भी मांझी के इंतजार को बढ़ाया और आपस में ही विचार-विमर्श करते रहे।       
नहीं हो सकी मांझी की पीएम से सीधी बात
सूत्रों की मानें तो मांझी ने अपनी बात को सीधे पीएम तक पहुंचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कामयाब न हो सके। प्रधानमंत्री तक पहुंचने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह से भी मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बनी। इतना ही नहीं इसके बाद अनंत कुमार, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान ने अमित शाह से इस बात को लेकर मंत्रणा भी की। सूत्रों ने ऐसी जानकारी भी दी कि अमित शाह ने सिर्फ फोन करके ही मांझी को सीटों के लिए आश्वस्त किया।   
कल जारी होगी भाजपा की पहली सूची
बिहार में चुनाव के लिए उम्मींदवारों के नामों का अंतिम फैसला करने के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 15 सितंबर को आयोजित की जाएगी। पहली सूची को भी इसी दिन यानी कल जारी कर दिया जाएगा। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह प्रदेश के कोर ग्रुप के नेताओं के साथ प्रदेश से आई सूची के नामों पर सोमवार को ही विचार कर लेंगे। इसके साथ ही सोमवार को ही एनडीए के सीट समझौते का भी ऐलान किया जा सकता है। बताते चलें कि इस बीच पार्टी ने मुख्य चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगभग एक दर्जन सभाओं की रणनीति भी तैयार की है।

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Posted By: Ruchi D Sharma