PATNA : अपना घर हर किसी का सपना होता है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी बैंक सुविधाओं की जरूरत है. ऐसे ही कई क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए आरबीआई ने इन क्षेत्रों को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया है. दस लाख व इससे अधिक की आबादी वाले मेट्रोपॉलिटेन सिटी में बैंक अधिकतम 28 लाख तक लोन देगा. पहले इस क्षेत्र में 25 लाख तक लोन देने के संबंध में आरबीआई का सर्कुलर था. इसी प्रकार इससे कम आबादी वाले केन्द्रों में पहले 15 लाख तक लोन की सीमा तय थी जिसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया गया है. दिनों-दिन बढ़ रही महंगाई और उसके अनुसार लोन की बढ़ी जरूरतों के मद्देनजर आरबीआई ने विभिन्न सर्कुलर के माध्यम से आम आदमी के लिए राहत देने का फैसला किया है.

 

 

रीन्यूएबल एनर्जी को सपोर्ट 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (बिहार-झारखंड) के रिजनल डायरेक्टर एमके वर्मा ने प्रायोरिटी सेक्टर के विस्तार और उसकी जरूरत एवं लाभ के बारे में प्रेस कांफ्रेंस में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि नए लक्ष्य से आम आदमी को लाभ होगा और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। ऊर्जा क्षेत्र में परंपरागत साधनों पर निर्भरता को कम करने के लिए रीन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देना है। इसी मकसद से आरबीआई ने इसे लक्ष्य करते हुए सोलर बेस्ड पॉवर जेनरेशन, बॉयोमास आधारित प्लांट, विंड मिल्स आदि लगाने के लिए 15 करोड़ रुपए तक का ऋण देने के लिए सर्कुलर जारी किया गया है।

 

वित्तीय समावेशन के प्रयास तेज 

हर पांच हजार की आबादी वाले गांव में बैंक खोला जाएगा। बिहार में 1640 गांव ऐसे हैं जहां आबादी पांच हजार से अधिक है, लेकिन बैंक के ब्रांच नहीं हैं। हाल ही संपन्न स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में उपस्थित विभिन्न बैंकों के हेड को ऐसे गांवों की पहचान कर वहां इस कमी को दूर करने को कहा गया है। इसमें रीजनल रूरल बैंकों को भी प्रमुख रूप से शामिल किया गया है।

 

अगले वर्ष मार्च 31 तक है लक्ष्य 

हर पांच हजार या इससे अधिक आबादी वाले गांव में बैकों के ब्रांच खोलने का लक्ष्य मार्च 31, 0217 तक पूरा करना है। रीजनल डायरेक्टर एमके वर्मा ने बताया कि गांव के लोगों को भी वित्तीय जरूरत पूरा करने में ऐसे बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हालांकि इससे पहले 14 अगस्त, 2015 तक दो हजार की आबादी वाले गांव में बैंकिंग नेटवर्क उपलŽध कराने के लिए बैंक करोसपांडेंट के माध्यम और बैंक ब्रांच से किया जाना था। इसमें 95 परसेंट बैंक करोसपांडेंट और पांच परसेंट बैंक ब्रांच से नेटवर्क पूरा किया जाना था। लेकिन आरबीआई ने पाया कि मात्र दो परसेंट ही ब्रांच खोलने का लक्ष्य हासिल हुआ. 

 

सेल्फ हेल्प ग्रुप को बड़ी राहत 

नेशनल रूरल लिवलिहुड मिशन (एनआरएलएम) को सपोर्ट करने के मकसद से आरबीआई की ओर से 21 जनवरी, 2016 को एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सभी सेल्फ हेल्प ग्रुप यानि स्वसहायता समूह में शामिल महिलाओं को तीन लाख रुपए तक की राशि पर मात्र सात प्रतिशत पर कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंकों को लोन देना होगा। यदि वे समय पर इसे चुका दे तो इसमें तीन प्रतिशत का Žयाज नहीं देना होगा। यानि समय पर लोन चुकाने वाले स्वसहायता समूह को मात्र प्रतिशत पर ही लोन की सुविधा मिल जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी।

 

बिहार के लिए बड़ा अवसर 

नेशनल रूरल लिवलिहुड मिशन (एनआरएलएम) पर विशेष ध्यान देते हुए देश के 150 जिलोंं के स्वसहायता समूह को लाभ मिलेगा। बिहार के 11 जिलों को भी शामिल किया गया है। इससे पहले वे बैंकों के अपने-अपने तय Žयाज दरों पर लोन लेने को बाध्य थे। बिहार के इन 11 चिह्नित जिलों में अरवल, औरंगाबाद, गया, जमुई, कैमूर, जहानाबाद, मुंगेर, नवादा, रोहतास, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर शामिल हैं।

 

उद्योग को प्रायोरिटी

आरबीआई ने पहली बार मीडियम लेवल के उद्योग को प्रायोरिटी सेक्टर में शामिल किया है। साथ ही यहां के मध्यम दर्जे के उद्योगों को एक बड़ी गति मिलेगी। प्रायोरिटी सेक्टर में लाने का उद्देश्य इस क्षेत्र में संबंधित लोगों को बैंक के माध्यम से सस्ता लोन देने की स्कीम को शुरू किया जाता है. 

 

सामाजिक कार्यों को मिलेगी गति 

यदि आप किसी जगह स्कूल, हेल्थ सेंटर, पीने के पानी, सैनिटेशन आदि की सुविधा देना चाहते हैं तो इसके लिए पांच करोड़ तक का लोन मिल सकता है। उदाहरण के लिए टीयर टू और टीयर चार के सेंटरों में वाटर क्वालिटी के सुधार के लिए प्लांट लगाना और हाउसहोल्ड टॉयलेट की व्यवस्था करना।

Posted By: Inextlive