आपकी जेब पर बढ़ेगा होल्डिंग टैक्स का भार
- नगर निगम ने की है होल्डिंग टैक्स बढ़ाने की तैयारी
-100 से 300 करोड़ की राशि वसूलेगा निगम - सड़कों के वर्गीकरण पर आधारित रहेगा नया टैक्स फॉर्मेट PATNA : पटनाइट्स की जेब पर जल्दी ही होल्डिंग टैक्स का बोझ बढ़ने वाला है। अब तक होल्डिंग टैक्स के रूप में काफी कम राशि देने वाले पटनाइट्स को लंबे समय बाद संशोधित टैक्स चुकाना होगा। यही नहीं अब हर पांच साल में होल्डिंग टैक्स की समीक्षा होगी और उसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा। इससे पहले 1993 में नगर निगम ने होल्डिंग टैक्स में संशोधन किया था। 100 से 300 करोड़ का लक्ष्यनगर निगम टैक्स बढ़ाने की कवायद पहले से कर रहा है। पहले निगम का टारगेट हर साल 100 करोड़ रुपए वसूल करने का था। वहीं, इस वर्ष नगर आयुक्त ने 300 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। कमिश्नर का कहना है कि पटना की आबादी और क्षमता को देखते हुए ये टारगेट रखा गया है।
सड़क वर्गीकरण से बढ़ सकता है टैक्सबता दें कि अभी तक के नियमों के अनुसार पटना नगर निगम में प्रधान सड़क, मुख्य सड़क, अन्य सड़क, जमीन, छत आदि के अनुसार होल्डिंग टैक्स तय होता है। लेकिन नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में पारित हो चुके रोड कटिंग रेगुलेशन पर मंगलवार को निगम बोर्ड की बैठक में भी चर्चा होगी। बोर्ड बैठक में पास होने के बाद रोड कटिंग अधिनियम के अनुसार दो प्रधान सड़कों को जोड़ने वाली सड़क को मुख्य सड़क के रूप में नोटिफाई किया जाएगा। अब मुख्य सड़क में नोटिफाई होते ही ये राशि अपने आप अन्य सड़क से मुख्य सड़क के रूप परिवर्तित हो जाएगी। जैसे ही कोई सड़क मुख्य सड़क के रूप में नोटिफाई होगी तो उस पर मौजूद भवनों का होल्डिंग टैक्स स्वभाविक तौर पर बढ़ जाएगा।
होल्डिंग टैक्स : एक नजर मेंपटना नगर निगम अपने वर्तमान स्वरूप में 1952 में आया था। तब ब्रिटिशकालीन टैक्स प्रणाली जो 1920 में शुरू हुई थी वही लागू थी। 1952 में पटना नगर निगम की पहली आय 10254 रुपये थी। इसके बाद 1993 में तात्कालीन कमिश्नर सुनील कुमार सिंह ने नई टैक्स प्रणाली तैयार की जिसके तहत पूरे पटना में तीन तरीके से होल्डिंग टैक्स का निर्धारण किया गया। इसमें प्रधान मुख्य सड़क, मुख्य सड़क और अन्य सड़क के किनारे बसे इलाकों का टैक्स रेट तय किया गया था। इस व्यवस्था की काफी सराहना भी हुई थी और भारत के कई अन्य शहरों ने इससे प्रेरित होकर इसे अपनाया भी था। यही नहीं पटना नगर निगम की इस टैक्स सिस्टम की संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहना की थी और पटना नगर निगम को गोल्डेन अचीवमेंट ऑफ पीएमसी के अवार्ड से नवाजा भी था। इसके बाद से अब तक यही सिस्टम काम कर रहा है।
क्या है नियम बिहार नगरपालिका संपत्ति कर निर्धारण संग्रहण और वसूली नियमावली 2013 के तहत प्रत्येक 5 वर्ष पर टैक्स में बढ़ोत्तरी करने का प्रावधान किया गया है, लेकिन अब नगर निगम अपनी नींद से जाग गया है और होल्डिंग टैक्स में वृद्धि करने जा रहा है। ऐसे लगता है होल्डिंग टैक्स -1993 में प्रधान सड़क, मुख्य सड़क और अन्य सड़क के आधार पर तय किया गया था टैक्स। -54 रुपए प्रति स्क्वायर फीट प्रधान सड़क के लिए। -34 रुपए प्रति स्कवायर फीट मुख्य सड़क के लिए। -17 रुपए प्रति स्क्वायर फीट अन्य सड़कों के लिए टैक्स तय किए गए थे। -30 फीसदी की छूट दी जाती है कुल निर्माण का वर्जन बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा होगी। स्थायी समिति से इसे पारित कर दिया गया है। अब बोर्ड की सामान्य बैठक में इसे अप्रूवल मिलने के बाद आगे का काम होगा। -सीता साहू, महापौर, पटना नगर निगम