PATNA: पटना मेट्रो रेल परियोजना रफ्तार पकडऩे लगी है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ये तेजी देखी जा रही है. सरकार मेट्रो रेल परियोजना के लिए अलग कंपनी गठित करने वाली है. नई कंपनी का गठन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन डीएमआरसी और लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन एलएमआरसी की तर्ज पर किया जाएगा. नगर विकास व आवास विभाग पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन पीएमआरसी बनाने की कवायद में जुट गया है. पीएमआरसी पर केंद्र और प्रदेश सरकार का साझा स्वामित्व होगा.

मेट्रो रेल की परियोजना डीपीआर तैयार करने वाली कंपनी ने इस पर पहले 15,000 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया है। सरकार इसके लिए धन राशि जुटाने के वैकल्पिक उपायों की तलाश में भी लगी है। इसके लिए राजधानी में नागरिकों को दी जानी वाली सेवाओं जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस, बिजली, सीएनजी, गृहकर आदि पर सेस लगाना भी शामिल है। मेट्रो के परिचालन खर्च को कम करने के लिए सरकार इसको सिंगल ट्रैक पर संचालित करने पर विचार कर रही है।  विज्ञापन से होने वाली कमाई से भी परिचालन लागत निकालने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।

 

खास होगी पहचान

पीएमआरसी की एक पहचान कंपनी के रूप में भी होगी। इसकेपंजीकरण के लिए आवेदन रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के यहां किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन होने के बाद पीएमआरसी के नाम से फिर कोई दूसरी कंपनी नहीं बना पाएगा। पीएमआरसी का अपना एक्ट होगा. 

 

जमीन के ऊपर और नीचे से मेट्रो

पटना में मेट्रो रेल जमीन पर 0.28 किमी, ऊपर (एलिवेटेड) 12.13 किमी और भूमिगत 15.47 किमी यानी कुल 27.88 किमी की दूरी तय करेगी। पहले कॉरिडोर के 12 स्टेशन में 3 ऊपर और 9 अंडरग्राउंड होंगे। वहीं दूसरे में नौ ऊपर और तीन जमीन के नीचे होंगे।

 

कहां क्या होगी व्यवस्था

दानापुर कैंट, शताŽदी स्मारक (सगुना मोड़), आरपीएस मोड़, आइएएस कॉलोनी (पाटलिपुत्र), रुकनपुरा, राजाबाजार, जेडी वीमेंस कॉलेज (गोल्फ क्लब), राजभवन (पटना जू), सचिवालय (विकास भवन), हाईकोर्ट, इनकम टैक्स चौराहा, पटना जंक्शन, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मीठापुर बाइपास चौक क्षेत्र में मेट्रो का संचालन होगा।

 

पुराने इलाके में एलिवेटेड लाइन

पटना सिटी, अशोक राजपथ, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर और पुराना पटना में सर्वाधिक हिस्सा ऊपर गामी (एलिवेटेड) लाइन डालने की योजना है।

Posted By: Inextlive