अब पटना यूनिवर्सिटी गांवों को गोद लेकर वहां के बच्चों को देगा शिक्षा
PATNA (29 April): गांवों को गोद लेकर उसकी सूरत सवांरने और असमान विकास के दंश से छुटकारा दिलाने में पटना यूनिवर्सिटी का नाम भी शामिल हो गया है। हाल ही में एमएचआरडी, भारत सरकार ने पटना यूनिवर्सिटी को एक पत्र लिखकर इसके बाबत पहल करने के लिए कहा है। यह भारत सरकार के 'उन्नत भारत अभियान' के तहत किया जाएगा। इस अभियान के तहत गांवों के विकास के लिए संस्थागत स्तर पर कार्य किया जाता है।
जानकारी हो कि उन्नत भारत अभियान के तहत गांवों को उन्नत बनाने के मकसद से पटना यूनिवर्सिटी बिहार का पहला यूनिवर्सिटी है, जिसे यह जिम्मा दिया गया है। पीयू प्रशासन ने भी इसकी पुष्टि की। इस बारे में पटना यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पटना यूनिवर्सिटी के समीपवर्ती गांवों का ही चयन होगा। अभी गांवों का नाम चयनित नहीं हुआ है। जल्द ही इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा।
शैक्षणिक बदलाव के लिए की जाएगी पहलयूनिवर्सिटी के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल सब कुछ शुरूआती दौर में है। लेकिन इसका सबसे बड़ा मकसद गोद लिए गए गांवों में शैक्षणिक बदलाव लाना होगा। इसके साथ ही सामाजिक बदलाव के सामाजिक कुरीतियों के प्रति लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। यह रोचक तथ्य है कि पटना यूनिवर्सिटी बिहार में दूसरा शैक्षणिक संस्थान है गांवों को गोद लेने में। इससे पहले आईआईटी पटना की ओर से बिहटा के समीपवर्ती गांवों का चयन कर उसे तकनीकी स्तर पर लैस किया जा
रहा है। बैठक में होगा निर्णय गांवों को गोद लेने के संबंध में पटना यूनिवर्सिटी के एनएसएस को-आर्डिनेटर अतुल आदित्य पांडेय ने बताया कि आगामी 25 अप्रैल को नई दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ एचआरडी के साथ बैठक है। इसमें आगे की प्रक्रिया पर जानकारी मिलेगी। साथ ही पांच गांवों के चयन पर भी अंतिम रूप से मुहर लग सकती है। ग्रामीण विकास विभाग की भूमिका अहमपटना यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग गांवों को गोद लेने के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके सीनियर टीचर्स की मदद से ग्रामीण विकास के लिए आवश्यक कार्यो को अमलीजामा पहनाया जाएगा। चयनित गांवों के चहुमुखी विकास के लिए योजना बनाकर वहां के लोगों को सक्षम बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा एनएसएस की भी भूमिका होगी। सूत्र बताते हैं कि यदि यह योजना सफल रही तो प्रदेश के अन्य यूनिवर्सिटी को भी इस प्रकार की नई जिम्मेदारी देकर उन्नत भारत अभियान का हिस्सा बनाया जा सकता है। गावों के चयन के बाद उन्हें विक
दिल्ली में होने वाली बैठक में गांवों के चयन पर निर्णय लिया जा सकता है। आगे जैसा निर्देश प्राप्त होगा, कार्य किया जाएगा। अतुल आदित्य पांडेय, एनएसएस को आर्डिनेटर, पटना यूनिवर्सिटी