दुर्गा पूजा के अवसर पर कई मार्बल मूर्तियों को सजाया जा रहा

पटना (ब्यूरो)। मिट्टी की मूर्तियों से काफी भिन्न मार्बल की मूर्तियों की सजावट और रंग-रोगन का काम होता है। मार्बल की मूर्तियों को सजाने और उसमें जान फूंकने में खास पेंटिंग का अपना एक अलग स्थान है। इस कला सृजन में अपना लगातार योगदान दे रहे हैं अमित कुमार। अमित कुमार, पटना के शिल्प एवं कला महाविद्यालय के सत्र- 2013-17 बैच के छात्र रहे हैं। इन दिनों शहर में दुर्गा पूजा की धूम है और इसे ध्यान में रखते हुए अमित और उनके सहयोगी हर दिन मार्बल की मूर्तियों पर पेंटिंग वर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मार्बल की मूर्तियों को रंगने के लिए जयपुर से कुछ हद तक बनारस से भी विशेष रंग मंगाये जाते हैं। मार्बल पर सामान्य रंग का प्रयोग नहीं किया जाता है।

शहर के छह जगहों पर चल रहा काम
अमित कुमार ने बताया कि दुर्गा पूजा के अवसर पर वे दानापुर, लेखा नगर, मंदिरी, पटना सिटी, मीठापुर ओल्ड बस स्टैंड के पास और हाजीपुर में भी मार्बल वर्क चल रहा है। इस कार्य में वे रात में जगकर इस बारीक काम को पूरा करने में जुटे रहते हैं। यादि रात का समय जब लोग सो रहे होते हैं तब अमित और इसकी टीम मार्बल की मूर्तियों को सजाने में जुट जाते हैं।

रंग से लेकर साज-सज्जा
मार्बल की मूर्तियों से लेकर साज-सज्जा के लिए भी काम किया जाता है। इन मूर्तियों की खास बात यह है कि ये मंदिरों में प्रतिस्थापित होने के बाद आगे भी दर्शन के लिए लोगों के लिए मौजूद रहते हैं। इसके लिए जयपुर से लाए गए रंग का प्रयोग किया जाता है। अमित ने बताया कि गर्दन, बाजू, साडिय़ों और चूड़ी में रंग -रोगन किया जाता है। यदि कभी जयपुर के विशेष रंग का उपयोग नहीं कर पाते हैं तो बनारस के रंगों का प्रयोग भी होता है।

पीढ़ी दर पीढ़ी रंगों का सफर
अमित उस परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका परिवार मूर्ति बनाया करते थे। अब वे भी इस कला को आगे बढ़ा रहे है। खास तौर पर मूर्तिकला में रंगों का अच्छा संयोजन आदि करने में योगदान कर रहे हैं। अमित मूर्तिकला और पेंटिंग की कलाकृतियों को बनाने में माहिर हैं। इसके अलावा बच्चों को नि: शुल्क प्रशिक्षण भी देते हैं। ताकि नई पीढ़ी के बच्चों में भी आर्ट के प्रति एक रूचि बनी रहे और वे अच्छा आर्ट वर्क तैयार करें।

हॉस्टल के छात्र भी काम कर रहे
विकास जो कि मूर्ति बनाने का काम कर रहे है। ये सत्र 2013-17 बैच के है। ये पटना के रामकृष्णा नगर में रहकर मूर्तियां तैयार कर रहे हैं। ये पटना के पंडालों में कार्य कर रहे हैं। वहीं, कला शिल्प महाविद्यालय के छात्र भी पूजा को लेकर अलग-अलग आर्ट एक्टिविटी से जुड़े हुए हैं। कॉलेज के हॉस्टल में विकास, मिथुन भी काम कर रहे है्

Posted By: Inextlive