नगर निगम की 15 पैसे की हैसियत नहीं, पब्लिक को पिला रहा है गंदा पानी
कमिश्नर साहब क्यों फैला रहे हैं बीमारी
- वाटर लागिंग की वजह से कई एरिया में मिल रहा है गंदा पानी - घरों तक प्योर वाटर पहुंचाने में काफी पीछे है नगर निगम - पानी में टीडीएस की मात्रा पहुंच चुकी है पांच सौ के ऊपर, जबकि 15 से 50 तक ही है प्योर - एक्सपर्ट की मानें तो बारिश का पानी सप्लाई वाटर से है काफी शुद्धPATNA : पिछले एक वीक से पटनाइट्स के घरों तक पहुंचने वाला सप्लाई वाटर पूरी तरह से गंदा है। तेज बारिश और जलजमाव की वजह से टूटी सप्लाइ वाटर की पाइप लाइन की मरम्मत नहीं हो पा रही है। इस वजह से हर घर तक सड़क का गंदा पानी सीधे गंदगी और बदबू के साथ पहुंच रहा है। हालत यह है कि इसकी कंप्लेन आने के बाद भी इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इसके बावजूद नगर निगम जमीन से डायरेक्टर सप्लाई वाटर देने की अपनी जवाबदेही मात्र को पूरी करने में लगा है। जानकारी हो कि लाखों लिटर रखा क्लोरीन खराब हो गया, लेकिन उसका यूज नहीं किया गया। वहीं कई सालों से गंदा पानी पी रहे पटनाइट्स ने इसको अपनी नियति समझ लिया। अब अचानक से हुए जलजमाव ने सारी कलई खोल कर रख दी है। राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, अनीसाबाद, मीठापुर, जक्कनपुर सहित दर्जनों एरिया से लगातार गंदे पानी की कंप्लेन के बाद भी इस पर न तो ध्यान दिया जा रहा है और न ही कोई प्लान किया गया है। यही नहीं जलजमाव वाले एरिया में अब तक डीडीटी का छिड़काव भी नहीं किया गया है। इस वजह से एरिया में बदबू बढ़ने लगी है।
क्लोरीन की टिकिया भी रख दें तो प्रॉब्लम होगी कुछ कमएक्सपर्ट राजीव बताते हैं कि पानी का टीडीएस क्भ् से भ्0 एमएम की मात्रा तक ही प्योर माना जाता है। इससे अधिक का पानी पीना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन पटना नगर निगम का वाटर सप्लाई सिस्टम की हालत इतनी खराब है कि यहां के पानी में डीसीएस भ्00 के आसपास है। यानि की यह पूरी तरह से खतरनाक है। ऐसे में इस पानी का यूज खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में सप्लाई वाटर में क्लोरीन की लिक्विड या क्लोरीन की टिकिया डाल देने से ही घरों में प्योर वाटर पहुंचाया जा सकता है, लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है। वाटर बोर्ड की मानें तो उनके पास इसके लिए कहीं कोई अरेंजमेंट नहीं है और न ही ऐसा कोई प्लान है।
बारिश का पानी निगम के पानी से अच्छा पानी की जानकारी रखने वाले शंकर ने बताया कि बारिश का पानी पीने लायक है। यह टीडीएस के परसेंटेज के हिसाब से मानक के अंदर है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम का पानी इतना गंदा है कि अगर इसे डायरेक्ट यूज करते हैं तो बॉडी के कई ऑर्गन पर इसका खासा असर दिख सकता है। वहीं डॉक्टर राजन ने बताया कि पानी को उबाल कर पीना ही इन दिनों सेफ है, लेकिन आपको बताते चलें कि उबले हुए पानी में लवण की मात्रा खत्म हो जाती है। ऐसे में इसके साथ-साथ दूसरे सोर्सेज से लवण की मात्रा को पूरी कर सकते हैं। कमिश्नर साहब इन एरिया का पानी है गंदा - गर्दनीबाग के किसी भी एरिया में घूम कर देखिए कंडीशन काफी खराब है। - मीठापुर और जक्कनपुर एरिया में एक दर्जन से अधिक जगहों पर रिसता रहता है पानी। - अनीसाबाद, सरिस्ताबाद सहित बोरिंग रोड, बोरिंग केनाल रोड की हालत भी है दयनीय। - जक्कनपुर एरिया खासकर वार्ड नंबर दो की हालत इतनी खराब है कि यहां पीने के पानी के लिए प्राइवेट एजेंसी के गैलन पर निर्भर रहना पड़ रहा है।कुछ दिनों के लिए इस तरह रहें
- गंदा पानी से होकर आने-जाने के बाद हाथ व पैर अच्छी तरह से साबुन लगाकर धो लें। - घरों के पानी को अच्छी तरह से उबालकर फिर ठंडा करके ही यूज करें। - नहाने के लिए यूज में आने वाला पानी में डिटॉल या सेवलॉन डालकर यूज करें, इससे स्किन इंफेक्शन से बचा जा सकता है।