रांची : दो सीटों के लिए शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में झारखंड से भाजपा के समीर उरांव ने जीत दर्ज कर ली तो दूसरी सीट पर देर रात तक संशय बरकरार है. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस के धीरज साहू .01 वोट की बढ़त बनाए हुए हैं उन्हें 26 वोट मिले तो भाजपा के प्रदीप सोनथालिया को द्वितीय वरीयता के वोट के आधार पर 25.99 वोट मिले हैं. भाजपा की आपत्ति पर दूसरी सीट का परिणाम लटक गया है. भाजपा का कहना है कि एक वोट पर दो चिह्न लगे हैं उसे रद किया जाए. चुनाव आयोग ने भाजपा की आपत्ति स्वीकार कर ली है. अगर यह वोट रद हुआ तो भाजपा के सोनथालिया चुनाव जीत जाएंगे. एक सीट जो भाजपा के खाते में गई उसमें भाजपा प्रत्याशी समीर उरांव को 27 वोट मिले.

--कांग्रेस के धीरज साहू को .01 की बढ़त, भाजपा की आपत्ति पर परिणाम लटका

- क्रास वोटिंग की गूंज के बीच राज्यसभा की दोनों सीटों के लिए चुनाव

- झाविमो विधायक पर क्रास वोटिंग का आरोप, निलंबित

-भाकपा माले विधायक का कांग्रेस प्रत्याशी के साथ नोटा पर भी वोट

मतगणना का काम कई घंटे तक रुका रहा
विधानसभा में सदस्य संख्या के आधार पर एक ही सीट निकाल पाने में आश्वस्त भाजपा ने अपने कुशल रणनीतिकारों के बल पर संख्या बल में कमजोर होने के बावजूद दोनों सीटों पर प्रत्याशी को उतारा था। राज्यसभा चुनावों में बदनाम झारखंड का दामन इस बार भी दागदार रहा। इस दौरान क्रास वोटिंग के भी आरोप जमकर लगे। टूट-फूट की शिकार होते रहे झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) को फिर तगड़ा झटका लगा। उसने अपने विधायक प्रकाश राम पर क्रास वोटिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित करते हुए चुनाव आयोग से उनके वोट को रद करने की मांग कर दी। इस चक्कर में मतगणना का काम कई घंटे तक रुका रहा।

राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई थीं
राज्यसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार से ही राजनीतिक गतिविधियां चरम पर पहुंच गई थीं। रात में दोनों पक्ष ने अपने-अपने पक्ष के विधायकों को भोज देने के साथ-साथ अपने पक्ष में करने की हरसंभव कोशिश की। शुक्रवार को मतदान शुरू होते ही माहौल तनावपूर्ण होने लगा। झाविमो के विधायक प्रकाश राम पर क्रास वोटिंग पर आरोप लगा। पार्टी के पोलिंग एजेंट बंधु तिर्की ने शिकायत की कि उनके विधायक ने उन्हें नहीं दिखाया कि वे किस प्रत्याशी को वोट दे रहे हैं। इस आरोप में पार्टी ने फौरन उन्हें निलंबित भी कर दिया।

सबसे पहले अमित, अनंत ने सबसे अंत में दिए वोट
राज्यसभा चुनाव में झामुमो विधायक (सिल्ली) अमित महतो ने सबसे पहले वोट दिया। उन्होंने ठीक मतदान शुरू होने के निर्धारित समय पूर्वाह्न नौ बजे अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सबसे अंत में भाजपा के विधायक अनंत ओझा ने वोट डाला।

कुल 80 विधायकों ने डाले वोट
राज्यसभा चुनाव के लिए कुल 80 विधायकों में से सभी ने वोट डाले। सजायाफ्ता होने से झामुमो विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो की सदस्यता खत्म हो जाने के कारण झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटों में एक सीट खाली है। इस कारण कुल 80 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ऐसे में दोनों उम्मीदवारों को जीत के लिए 27 वोटों की जरूरत थी।

मतगणना शुरू होने से पहले जश्न का माहौल
चुनाव आयोग के आदेश के कारण मतगणना का कार्य काफी देर तक रुका रहा। इस दौरान जहां विपक्षी खेमे में मायूसी सी छाई रही, वहीं भाजपा खेमे में जश्न का माहौल था। क्रास वोटिंग की आशंका से दोनों दल थोड़े संदेह में थे लेकिन उनके हाव-भाव में अंतर साफ नजर आ रहा था। भाजपा खेमा में उत्साह का माहौल था और जश्न की तैयारी चल रही थी जबकि विपक्षी खेमे में असमंजस और थोड़ी मायूसी सी थी। इसका एक बड़ा कारण यह भी था कि संख्या बल के आधार पर भाजपा की एक सीट पर जीत पक्की थी। अर्थात उसके लिए हर हाल में जश्न तय था। क्रास वोटिंग के कारण असमंजस की स्थिति सिर्फ दूसरी सीट को लेकर थी। इस वजह से विपक्ष ऊहापोह की स्थिति में नजर आ रहा था।

पहले भी दागदार रहा है चुनाव
झारखंड में राज्यसभा चुनाव पहले भी दागदार रह चुका है। 2012 में तो राज्यसभा चुनाव का परिणाम तक रद हो चुका है। उस समय एक प्रत्याशी के करीबी के पास भारी नकदी मिलने की बात सामने आई थी। एक मामले में सीबीआइ जांच भी चल रही है जिसमें डेढ़ दर्जन से ज्यादा पूर्व विधायकों पर आरोप लगे हैं। क्रास वोटिंग के आरोप जून 2016 में हुए चुनाव में भी लगे थे।

Posted By: Inextlive