ब्रिटेन में लोगों ने यूरोपीय संघ से अलग होने का समर्थन किया है।


इस सिलसिले में हुए जनमत संग्रह में अलग होने का 51.9 प्रतिशत लोगों ने समर्थन किया है जबकि 48.1 प्रतिशत ने ईयू के साथ रहने का समर्थन किया।लेकिन क्या वजहें रहीं कि लोगों ने ईयू से अलग होने का समर्थन किया।1. आर्थिक चेतावनी से चिढ़ गए लोग2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्कीम का 350 मिलियन पाउंड ब्रिटेन को मिलेगाईयू से अलग होने वालों को एक बहुत ही मज़बूत नारा मिला। वो ये कि अगर ब्रिटेन ईयू से हटता है तो हर हफ्ते राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के लिए 350 मिलियन पाउंड की राशि ब्रिटेन इस्तेमाल कर सकेगा।हालांकि जांच से पता चलता है कि ये सही आकड़ा नहीं है लेकिन अलग होने वालों के लिए ये एक ज़बर्दस्त राजनीतिक नारा रहा क्योंकि आकड़ा बड़ा था। समझने में आसान था और लोगों से जुड़ा हुआ था।


4. लोगों ने प्रधानमंत्री की बात सुननी बंद कर दीडेविड कैमरन पिछले कुछ वर्षों में कई बार जीत चुके हैं अलग-अलग मुद्दों पर। चाहे वो 2010 में गठबंधन बनाने की बात हो या फिर आम चुनाव या फिर पिछले दस साल में हुए दो जनमत संग्रह लेकिन इस बार क़िस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

ईयू के साथ रहने के अभियान का वो प्रमुख चेहरा थे और उन्होंने इस पूरे मसले को प्रधानमंत्री पर भरोसे से जोड़ दिया था। कहने का मतलब ये है कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाया और अब इसी कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है।6. बोरिस जॉनन और माइक गोव जैसे नेताओं का ईयू से अलग होने को समर्थन देनाऐसा अक्सर होता है कि किसी बड़े मुद्दे को कुछ बड़े नेता समर्थन देते हैं लेकिन बोरिस जॉनसन और माइकल गोव जैसे बड़े नेताओं ने अलग होने को समर्थन देकर मुद्दे को और बड़ा कर दिया।जहां जॉनसन ने मतदाताओं से अलग होने की अपील को लेकर पूरे ब्रिटेन में बस से यात्राएं कीं वहीं गोव ने ईयू से अलग होने के बाद ब्रिटेन का एजेंडा क्या होगा। इसका मसौदा तैयार करने में समय लगाया।8. यूरोप हमेशा से थोड़ा सा दूसरे ग्रह जैसा रहाब्रिटेन और यूरोप के संबंध कभी भी अच्छे और सामान्य नहीं रहे।यूरोपीय समुदाय से जुड़ने में भी ब्रिटेन को भी बहुत समय लगा। 1975 में वोटिंग के दौरान भी ब्रिटेन बहुत प्रसन्न नहीं था।

हालांकि ये माना जाता है कि युवा ईयू के समर्थक हैं लेकिन वोटों के विश्लेषण के बाद ही ये स्पष्ट हो पाएगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh