बिजनेसमैन को चाहिए प्रॉफिट वाला बजट
- व्यापारियों ने खुलकर की मांग, ऑनलाइन मार्केट से मिले निजात
- विशेष पैकेज की कही बात, लॉन्ग टाइम इंवेस्टमेंट पर मिलनी चाहिए पूरी छूटबरेली : एक फरवरी का इंतजार व्यापारियों को बेसब्री से है। दरअसल, इस दिन आम बजट पेश किया जाएगा। पिछले साल के बजट को व्यापारियों के बीच बहुत पसंद नहीं किया गया है। यही कारण है कि इस बार के आने वाले बजट से व्यापारियों ने ढेरों उम्मीदें लगा रखी हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने छोटे-बडे़ हर तरह के व्यापारियों से बात की। हालांकि व्यापारियों का साफतौर पर यह कहना है कि अभी सब कुछ अंधेरे में है। स्थिति बजट के आने के बाद ही साफ हो पाएगी। व्यापारी टैक्स पर पिछले साल मिली निराशा की इस बार भरपाई होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। साथ ही, उनका यह भी कहना है कि व्यापरियों के हित में आना बजट ही बेहतर बजट कहलाएगा। यह उम्मीद जताई कि बजट पूंजी प्रवाह वाला हो और टैक्स में रियायत मिले। अगर, ऐसा नहीं होता है तो व्यापारी वर्ग ठगा महसूस करेगा।
मिले स्पेशल पैकेजउम्मीद है कि बजट अच्छा आएगा। व्यापारियों के हित में होगा। ऑनलाइन बुकिंग से नुकसान हो रहा है। सरकार जरूर इस बारे में सोचेगी। अपेक्षा यह भी है कि टैक्स में रिलीफ मिलेगा। अभी सब कुछ अंधेरे में है। बजट के बाद ही पता चलेगा कि हमें क्या मिला। अब बचे ही कितने दिन हैं। जल्द ही पता चल जाएगा।
- दर्शनलाल भाटिया, बिजनेसमैन सरकार को चाहिए कि वह व्यापारियों के लिए विशेष पैकेज घोषित करे। लॉन्ग टाइम इंवेस्टमेंट पूरी छूट मिले। साथ ही साथ 5 लाख तक इनकम टैक्स की छूट हो और दस लाख तक इनकम पर 5 फीसदी ही टैक्स पड़े। तब जाकर कहीं व्यापारियों को संतुष्टि मिलेगी। महंगाई बढ़ती जा रही है। व्यापारियों को कोई राहत नहीं है। हालांकि अब इंतजार की समय सीमा खत्म हो गई है। - राजेंद्र गुप्ता, प्रदेश महामंत्री, उप्र उद्योग व्यापार मंडल व्यापारियों को बेनिफिट मिलना चाहिए। हमारा मानना है कि सरकार इस बार अच्छा बजट पेश करेगी। टैक्स पर रियायत मिलेगी तो व्यापारियों के अंदर निराशा का भाव जाएगा। अभी महंगाई ने मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। इससे निजात मिलना जरूरी है। कुछ नया होने के लिए हमने एक साल इंतजार किया। जीएसटी में 12 परसेंट व 18 परसेंट के स्लैब को खत्म कर 15 परसेंट का एक स्लैब करना चाहिए। - राजेश जसोरिया, महानगर महामंत्री, उप्र उद्योग व्यापार मंडलपूंजी प्रवाह वाला बजट हो। साथ ही, लिक्विडिटी बनी रहे। अभी ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है। इसलिए हमें बजट से उम्मीदें हैं। बजट से पहले हम यह मानकर चल रहे हैं कि सरकार व्यापारियों की हालत समझ रही है। इस बजट से हमारे हालात सुधरेंगे। छोटे और बड़े हर तरह के व्यापारी उम्मीद लगाए हुए हैं।
दुर्गेश खटवानी, अध्यक्ष केमिस्ट एसोसिएशन