मोदी सरकार ने संसद के शीत सत्र खत्‍म होने के बाद ऑर्डिनेंस के रास्‍ते भू‍मि अधिग्रहण बिल को पास कर दिया है. इस बिल के मसौदे में कुछ जरूरी बदलावों को शामिल किया गया है.


भूमि अधिग्रहण बिल पासकेंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस का सहारा लेते हुए भूमि अधिग्रहण बिल को अपनी मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि संसद के शीत सत्र में कामकाज प्रभावित रहने के कारण मोदी सरकार इस बिल को पास नही करा पाई थी. इस बिल के पास होने से भूमि अधिग्रहण अब काफी आसान हो गया है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बिल के संबंध में कहा कि केबिनेट ने इस अध्यादेश को अपनी अनुमति दे दी है. अब इस बिल पर सिर्फ प्रेसीडेंट के हस्ताक्षर होना शेष है. ऊंची रखी गई मुआवजे की दर


मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण बिल में कुछ जरूरी बदलावों को शामिल किया है. इन बदलावों में मुआवजे की दर को बढ़ाया जाना शामिल है. इसके अलावा अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम्स, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए जमीन अधिग्रहण को सरल बनाया गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट के लिए भी भूमि अधिग्रहण को सरल बनाया गया है. नए कानून के तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन अधिग्रहण में 70% जमीन मालिकों की मर्जी आवश्यक है. इसके साथ ही प्राइवेट प्रोजेक्ट्स के लिए 80 प्रतिशत जमीन मालिकों की मर्जी आवश्यक है. आखिर कैसे काम करता है ऑर्डिनेंस राज

मोदी सरकार ने संसद के शीत सत्र खत्म होने के बाद ऑर्डिनेंस के सहारे भूमि अधिग्रहण बिल को पास करा लिया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार संसद सत्र जारी नही रहने की कंडीशन में ऑर्डिनेंस का सहारा लेकर किसी बिल को पास कर सकती है. इसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक हो सकती है. हालांकि सरकार को अगले संसद सत्र में ऑर्डिनेंस पास करने के पीछे जरूरी कारणों का उल्लेख करना होता है. इसके बाद पारंपरित करीके से बिल को पास करने की प्रक्रिया को फॉलो किया जाता है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra