30 दिसंबर 1973 को लंदन में इतनी कड़ाके की ठंड थी कि वहाँ के पॉश इलाके सेंट जॉन्स वुड में घूम रहे एक लंबे चौड़े शख़्स ने अपनी फर वाली जैकेट के ऊपर अपने चेहरे के निचले हिस्से को एक ऊनी मफलर से ढंक रखा था। उसके जैकेट की जेब में इटली में बनी 9 एमएम बेरेटा पिस्टल रखी हुई थी। उस शख़्स ने धीरे से 48 नंबर के घर का लोहे का गेट खोला। ये घर था मशहूर रिटेल कंपनी 'मार्क्स एंड स्पेंसर' के अध्यक्ष और ब्रिटिश ज़ायोनिस्ट फेडेरेशन के उपाध्यक्ष जोजेफ एडवर्ड सीफ का।

घंटी बजते ही सीफ़ के पुर्तगाली बटलर मैनुएल परलोएरा ने दरवाज़ा खोला। लंबे चौड़े शख़्स ने बिना एक सेकंड ज़ाया किए बटलर के माथे पर पिस्टल तान दी और कहा, ' टेक मी टू सीफ़।' बटलर उस शख़्स के साथ सीढ़ियाँ चढ़ रहा था कि सीफ़ की अमरीकी पत्नी लुइस ने ऊपर से ये दृश्य देखा। वो फ़ौरन अपने बेड रूम की तरफ़ दौड़ी, दरवाज़ा बंद किया और पुलिस को फ़ोन मिलाया। समय था सात बज कर दो मिनट।

 

पिस्टल जैम हुई

तब तक बटलर उस शख़्स को सीफ़ के कमरे तक पहुंचा चुका था। उसने एक मीटर की दूरी से सीफ़ के चेहरे का निशाना लेते हुए फ़ायर किया। सीफ़ नीचे गिरते ही बेहोश हो गए। उसने सीफ़ पर दोबारा निशाना लगाया, लेकिन तभी उसकी पिस्टल जैम हो गई। दो मिनट बाद ही पुलिस की गाड़ी सीफ़ के घर के सामने रुकी। उस शख़्स को बिना ये जाने वहाँ से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा कि उसका मिशन पूरा हुआ है या नहीं। बाद में पता चला कि वो गोली सीफ़ के ऊपरी होंठ पर छेद बनाती हुई उनके दांत से टकराई थी। जब थोड़ी देर बाद सीफ़ का ऑपरेशन हुआ तो डॉक्टरों ने उस गोली के साथ साथ उन हड्डियों के टुकड़े भी निकाले जो सीफ़ के जबड़े में धंस गए थे। इतनी पास से गोली खाने के बावजूद सीफ़ ये कहानी सुनाने के लिए ज़िंदा रहे।

 

शेख़ यमनी की पहचान

कार्लोस ने सभागार में घुसते ही उसकी छत पर गोलियां चलाई। एक नक़ाबपोश ने सभी मंत्रियों को कार्पेट पर लेट जाने के लिए कहा। बाद में सऊदी अरब के तेल मंत्री शेख़ यमनी ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैंने समझा कि ओपेक की ओर से तेल की कीमत बढ़ाए जाने का विरोध करने के लिए कुछ यूरोपीय लोगों ने हमला कर दिया है।' घबराए हुए सऊदी अरब के तत्कालीन तेल मंत्री 45 वर्षीय यमनी ने कुरान की आयतें पढ़नी शुरू कर दीं। यमनी बताते हैं, ''कार्लोस विदेशी लहजे में अरबी में चिल्लाया, यूसुफ़ अपने विस्फोटक ज़मीन पर रखो। क्या तुम्हें यमनी मिला? मैंने चिल्लाकर कहा कि मैं यहाँ हूँ। बंदूकधारी ने हम सब के चेहरे देखे और जैसे ही उससे मेरी आँखें मिलीं, उसने अपने साथियों से कहा कि यही यमनी है। फिर कार्लोस वेनेज़ुएला के मंत्री के साथ बहुत सम्मान से बातें करने लगा।''

 

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क्लाइन को साथ ले जाने का फ़ैसला

जॉन फ़ोलैन अपनी किताब में आगे लिखते है, 'कार्लोस ने फिर संदेशा भिजवाया कि उसे विमानकर्मियों के साथ एक विमान उपलब्ध कराया जाए। घायल क्लाइन को वापस उसके पास लाया जाए। उसे एक रेडियो, 25 मीटर लंबी रस्सी और पांच कैंचियां उपलब्ध कराई जाएं।'

'उधर ऑलजेमींस क्रैंकेनहोस अस्पताल में क्लाइन का इलाज कर रहे डॉक्टरों का मानना था कि क्लाइन को ठीक होने में कम से कम एक महीना लगेगा। उन्होंने ये भी बताया कि उसे लाइफ़ सपोर्ट मशीन पर जिंदा रखा जा रहा है।'

'कार्लोस ने अपने साथियों से सलाह करने के बाद कहा कि चाहे क्लाइन की उड़ान के दौरान मौत हो जाए, वो उसे अपने साथ ले जाना चाहेंगे। हम साथ आए थे और साथ ही यहाँ से विदा होंगे।'

 

यमनी को मारने की मंशा बताई

इस बीच कार्लोस ने सऊदी अरब के तेल मंत्री यमनी को इशारा किया कि वो सम्मेलन कक्ष से निकलकर दूसरे कमरे में चलें।

यमनी याद करते हैं, ''उस कमरे में हम दोनों अकेले थे। कार्लोस ने मुझसे साफ़ कहा कि आख़िर में मुझे मार डाला जाएगा। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि ये आपके ख़िलाफ़ नहीं है बल्कि आपके देश के ख़िलाफ़ है। आप अच्छे आदमी है। मैंने कहा कि आप मुझे पसंद करते हैं, तब भी आप मुझे मारना चाहते हैं। आप शायद मुझसे कुछ करवाना चाहते हैं। कार्लोस ने कहा, मैं आप पर क्यों दबाव डालूँगा। मैं तो ऑस्ट्रियाई सरकार पर दबाव डाल रहा हूँ, ताकि हम यहाँ से निकल सकें। जहाँ तक आपकी बात है, आपको तो मैं वास्तविक्ता बता रहा हूँ।''

 

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कार्लोस, ख़ूबसूरत लड़कियों का शौकीन

22 दिसंबर को सुबह 9 बजे जैसे ही विमान उड़ा, कार्लोस का तनाव थोड़ा कम होना शुरू हुआ। लेकिन उसने अब भी अपनी गोद में भरी हुई पिस्टल रखी हुई थी। शेख़ यमनी याद करते हैं, ''उड़ान के दौरान मेरी और कार्लोस की हर विषय पर बात हुई। सामाजिक, राजनीतिक और यहां तक कि सेक्स पर भी। मुझे लगता है कि उसे खूबसूरत लड़कियों के साथ रहना और शराब पीना पसंद था। मैं नहीं समझता कि विचारधारा से उसका कोई लेना देना था।''

''सफ़र के दौरान वो मुझसे मज़ाक भी कर रहा था, लेकिन मैं ये नहीं भूल पा रहा था कि कुछ देर पहले ही उसने मुझे मार डालने की धमकी दी। मैंने उसकी बेतकल्लुफ़ी का फ़ायदा उठाकर पूछ ही डाला कि आप हमारे साथ क्या करने जा रहे हैं? कार्लोस ने जवाब दिया पहले हम अल्जियर्स जाएंगे और वहाँ दो घंटे रुकने के बाद ट्रिपोली की तरफ़ बढ़ेंगे। मैंने पूछा कि क्या लीबिया में कोई समस्या सामने आ रही है? कार्लोस ने इसका खंडन करते हुए

 

कहा कि वहाँ के प्रधानमंत्री हवाई अड्डे पर आकर हमारा स्वागत करेंगे और वहाँ से बग़दाद जाने के लिए एक बोइंग विमान हमें तैयार मिलेगा।'' बाद में वेनेज़ुएला के मंत्री हर्नान्डेज़ अकोस्टा ने भी याद किया, ''विमान में कार्लोस फ़िल्म स्टार की तरह ऑटोग्राफ़ दे रहा था।'' फ़्लाइट के दौरान क्रोशेर टाइडमान विमान के पिछले हिस्से में घायल क्लाइन के पास बैठी उसके माथे का पसीना पोछ रही थी। जब भी उसका होंठ सूखता, वो पानी से उसका होंठ गीला कर उसका ढांढस बंधाती।

 

अल्जीरिया के विदेश मंत्री ने स्वागत किया

ढाई घंटे की उड़ान के बाद कार्लोस का विमान अल्जियर्स के बाहर दर अल बैदा हवाई अड्डे पर उतरा। जैसे ही कार्लोस नीचे उतरा, अल्जीरिया के विदेश मंत्री अब्दुल अज़ीज़ बोतेफ़िल्का ने उसे मुस्कराते हुए गले लगा लिया। एक एंबुलेंस क्लाइन को अस्पताल ले गई। कार्लोस ने हवाई अड्डे पर तीस ग़ैर अरब मंत्रियों और उनके सहयोगियों को रिहा कर दिया। यमनी और ईरान के गृह मंत्री अमूज़ेगर सहित पंद्रह लोगों को विमान में ही बैठे रहने के लिए कहा गया।

शुरुआती गर्मजोशी के बाद अल्जीरियाई सरकार से कार्लोस की बात बन नहीं पाई। उसने एक विमान की मांग की जिसे अल्जीरिया ने स्वीकार नहीं किया। आख़िरकार ऑस्ट्रिया से मिले विमान में ही तेल भरा गया और उसने ट्रिपोली के लिए उड़ान भरी। लेकिन वहाँ पर कार्लोस का वैसा स्वागत नहीं हुआ, जैसी उसे उम्मीद थी। इस बीच कार्लोस का एक साथी बीमार पड़ गया और विमान के ही एक कोने में उल्टी करने लगा।

 

ट्यूनीशिया ने विमान उतरने से रोका

रात के एक बजे विमान ने ट्रिपोली से फिर उड़ान भरी। जब विमान ट्यूनिस के ऊपर से गुज़र रहा था तो वहाँ के एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल ने उसे वहाँ उतरने की अनुमति नहीं दी। कार्लोस के पास अलजियर्स वापस जाने के अलावा कोई चारा नहीं रहा।

वहाँ कार्लोस ने मंत्रणा करने के बाद सभी बंधकों को रिहा करने का फ़ैसला किया। यमनी याद करते हैं, ''कार्लोस ने ऐलान किया कि मैं विमान से नीचे उतर रहा हूँ। पाँच मिनट बाद आप भी नीचे उतर जाइएगा।''

''कार्लोस जैसे ही उतरा उसकी टीम भी उसके साथ नीचे उतर गई। मुझे डर था कि कहीं उनके उतरते ही विमान में विस्फोट न हो जाए। पांच मिनट तक इंतज़ार करने के बाद मैंने भी नीचे उतरने का फ़ैसला किया। लेकिन मेरे एक सहयोगी ने मुझसे पहले विमान से उतरने की कोशिश की। उसे डर था कि कार्लोस के लोग सीढ़ियों के पास मुझे निशाना बनाने के लिए बैठे होंगे।''

 

कार्लोस को पांच करोड़ डॉलर की रैनसम मिली

बाद में क्लाइन ने एक इंटरव्यू में कहा, ''कार्लोस ने मुझे बताया था कि उसने सऊदी मंत्री शेख़ यमनी को इसलिए नहीं मारा, क्योंकि अल्जीरियाई सरकार ने उसे पैसा और सुरक्षा देने का वादा किया था।''

सालों बाद इस बात की पुष्टि हुई कि अल्जीरिया ने कार्लोस को इन लोगों की जान बख़्शने के लिए 5 करोड़ डॉलर दिए थे और ये पैसा उसकी तरफ़ से सऊदी अरब और ईरान ने दिया था।

ये भी कहा गया कि कार्लोस ने ये पैसा अपने आक़ाओं को न देकर अपने निजी इस्तेमाल के लिए रख लिया। लेकिन ये एक अलग कहानी है।

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Posted By: Chandramohan Mishra