कावेरी नदी के पानी को लेकर दक्षिण भारत के दो राज्‍य आमने-सामने खड़े हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को सुलझाते हुए कर्नाटक को आदेश दिया था कि वह तमिलनाडु को पानी दे। लेकिन मामला यहीं थमने वाला नहीं था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कर्नाटक की जनता भड़क गई। कर्नाटक की इस जिद के चलते उन्‍हें अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है। आइए जानें कैसे...



आईटी कंपनियों पर भी हुआ असर
कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में भी इस विवाद के चलते काफी नुकसान हुआ है। यहां की आईटी कंपनियों को सरकार की जिद की कीमत चुकानी पड़ रही है। भूतपूर्व इंफोसिस डायरेक्टर मोहनदास पई का कहना है कि, वह बंगलुरु की जनता से अपील करते हैं कि हिंसक प्रदर्शन पर विराम लगा दें। यहां लोगों ने दुकानों और मार्केट को बंद कर रखा है इसका सीधा असर राज्य की आर्थिक व्यवस्था पर पड़ा। टेक्नोलॉजी हब के चलते दुनिया में बंगलुरु की खास पहचान है। अगर ये विवाद यहीं खत्म न हुआ तो इसके बुरे परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

फिल्म रिलीज पर भी लगा बैन
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद का असर सिनेमा पर भी पड़ा है। हाल ही में रिलीज हुई कुछ तमिल फिल्में कर्नाटक में बैन कर दी गई हैं। यानी कि बंगलुरु में लोगों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि वो तमिल एक्टर्स की फिल्में भी बॉयकाट कर रहे। Sadhuram 2' और 'Nayagi ऐसी दो तमिल फिल्में हैं जो बंगलुरु के सिनेमाघरों से नदारद हैं। यहां के स्टार ने जनता से शांत रहने की अपील की है। क्योंकि कर्नाटक में फिल्में रिलीज न होने का मतलब है करोड़ों का नुकसान...

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari