-नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र की छाई बहार, पांच सेक्टर के लिए चुनावी मैदान में उतरे 99 उम्मीदवार

-नौगढ़ व शहाबगंज में पहली बार इतने उम्मीदवारों ने तोड़ा पिछली बार का रिकॉर्ड

CHANDAULI

नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले नौगढ़ में बेखौफ होकर लोगों ने लोकतंत्र पर अपनी रजामंदी जताई है। गोलियों की तड़तड़ाहट और बमों धमाकों की गूंज से थर्राने वाले नौगढ़ ब्लाक के लोगों ने निडर भाव से राजनीति में अपना कदम बढ़ाने का संकेत दे दिया है। यही कारण है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में नौगढ़ व शहाबगंज ब्लॉक से नामांकन करने वालों की संख्या 99 है। पांच सेक्टर के लिए 99 उम्मीदवारों ने नामांकन करके नक्सलियों के गढ़ में रिकॉर्ड कायम किया है। यदि इसे बुलेट पर बैलेट की जीत कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिये। खास बात यह है कि इसमें महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है।

पचास से नहीं बढ़ पाये थे आगे

पिछली बार के पंचायत चुनाव में 'लाल सलाम' के खौफ से उम्मीदवारों की संख्या पचास से भी कम थी। चंदौली, मुगलसराय से पहुंचकर नेताजी लोगों ने नौगढ़ के लिए पर्चा भरा था और निर्वाचित भी हुए थे। हालांकि इस साल इस तरह के कंडीशन नहीं हैं। नौगढ़ के घने जंगलों में कांबिंग करने वाली सीआरपीएफ, पीएसी व चंदौली पुलिस ने बहुत हद तक नौगढ़वासियों के दिमाग से नक्सली भय को निकाले की कोशिश की है।

हिनौत कांड से सुखिर्यों में आया नौगढ़

हमेशा से संवेदनशील रहने वाले नौगढ़ में नक्सलियों की पदचाप गाहे बगाहे बराबर सुनाई देती है। पहाड़ों के बीच घने जंगल में अपना डेरा जमाये नक्सलियों ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। नौगढ़ के हिनौत में नक्सलियों ने क्8 नवंबर ख्00ब् में सेना के जवानों से भरी बस को बम से उड़ाया था। धमाके में क्8 जवानों की मौत से पूरा देश दहल गया था। उसके एक दिन पहले नौगढ़ के मझगाई में नक्सलियों ने ब्लास्ट करके दो सिपाहियों को मौत के घाट उतारा था। इस घटना के बाद भी नक्सलियों ने कई छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर लोगों में दहशत कायम कर रखा था। हाल यह था कि शाम पांच बजे के बाद चकिया से कोई वाहन नौगढ़ के लिए नहीं जाता था।

Posted By: Inextlive