PATNA : सेंट जेवियर स्कूल में बच्ची के साथ हुई हिंसा के खुलासे के बाद पैरेंट्स सकते में हैं। किसी पर भी भरोसा करना मुनासिब नहीं है। बस एक ही उपाय है कि अपने बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में खुद समझाएं। यह पैरेंट्स को खुद करना होगा, क्योंकि अवेयरनेस के इस काम से जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इसे समझाने के लिए न बिहार का शिक्षा विभाग तत्पर है न ही स्कूल प्रशासन।

पटना में फेल सीबीएसई-चाइल्डलाइन का वीडियो प्रोजेक्ट

सीबीएसई और चाइल्डलाइन ने साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट कोमल के तहत वीडियो तैयार किया। जिसे स्कूल में दिखाना था। यह प्रोजेक्ट भी पटना में फेल हो गया। न सीबीएसई को और न ही चाइल्ड लाइन संस्था को इस प्रोजेक्ट के बारे में कुछ पता है। इससे स्पष्ट होता है कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर भी जिम्मेदार किस तरह गैरजिम्मेदार हो सकते हैं। इस वीडियो को जारी करने का मकसद बच्चों में जागरुकता लाना है।

क्या है वीडियो में?

यह क्0 मिनट की एक शॉर्ट फिल्म है जिसमें गुड टच और बैड टच के बारे में समझाया गया है। एनिमेटेड फिल्म को इस तरह बनाया गया है कि छोटे बच्चे भी इसे देखकर अपने प्रति होने वाले व्यवहार को समझ सकें।

आपको कहां मिलेगा?

यूट्यूब पर जाकर कोमल सर्च करिए। नीचे आए रिजल्ट में सीबीएसई या चाइल्ड लाइन की तरफ से अपलोड वीडियो मिल जाएगा।

कौन देख सकते हैं?

पैरेंट्स और स्टूडेंट्स दोनों इसे देखकर गुड और बैड टच को समझ सकते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे इसे देखकर अपने टीचर्स की हरकतों का अंदाजा भी लगा सकेंगे।

जिम्मेदारों ने पल्ला झाड़ा

स्कूलों में जागरुकता के लिए वीडियो दिखाए गए कि नहीं इसकी जानकारी नहीं है। यह स्कूल वाले या शिक्षा विभाग से पता चल सकता है। कोमल वीडियो के बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता।

- ममता झा, नोडल अफसर, बेसिक चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट

अगर सरकारी स्कूल में बच्चों के साथ इस तरह की घटनाएं होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभी अवेयरनेस के लिए कोई कार्यक्रम हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। भविष्य में इसके प्रयास किए जाएंगे।

- एम दास, डीईओ, पटना

ऐसे किसी भी वीडियो के बारे में नहीं जानता हूं। बैड टच और गुड टच के बारे में सीबीएसई ने क्या गाइडलाइन दी है इस बात की भी कोई जानकारी नहीं।

- आरआर मीना, रीजनल अफसर, सीबीएसई

बच्चों को ऐसे समझाएं

चार साल के बच्चे को यह बात समझाना शुरू कर दें कि उसे किस पर यकीन करना चाहिए, किस पर नहीं।

बच्चों के साथ खुलकर बातें करें। उसके मन में क्या चल रहा है उसे जानने की कोशिश करें। उसे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह आपसे कुछ कहेगा तो उसे डांट पड़ सकती है या उसकी बात अनसुनी कर दी जाएगी।

बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में आराम से धीरे-धीरे समझाएं क्योंकि ऐसी बातें समझने में समय लगता है। उसे प्राइवेट पा‌र्ट्स के बारे में बताएं और समझाएं कि उसे इस जगह पर मां के अलावा कोई दूसरा नहीं छू सकता है।

उसे बताएं कि अगर कोई आपको गोद में बैठाने की कोशिश कर रहा है या चूमने की कोशिश करें तो मां-पिता को इस बारे में शिकायत करें या वैसा करने से साफ इनकार कर दें।

Posted By: Inextlive