RANCHI : गुमला में इलाज के अभाव में एक मासूम ने दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चे को रांची ले जाने की सलाह दी गई थी। बीमार बच्चे की मां सरिता उरांव के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह प्राइवेट गाड़ी से उसे रांची ले जाती। हॉस्पिटल से एम्बुलेंस नहीं मिला, तो मां अपने बच्चे को लेकर पैदल ही निकल पड़ी। दस किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद उसे अहसास हुआ कि उसके मासूम बच्चे के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है। निढाल होकर वह जमीन पर ही बैठ गई। वह कुछ कर पाती, तब तक बच्चे ने दम तोड़ दिया था।

चार साल का बेटा भी साथ में

सरिता का एक और बेटा परदेसिया अपनी मां के साथ पैदल ही गुमला से बरांग स्थित अपने घर जा रहा था। वह महज चार साल का है। गुमला से लगभग दस किलोमीटर दूर टोटो पहुंचने से पहले उसके च्च्चे की मौत हो गई। पीडि़त महिला के हाव भाव से ग्रामीणों ने पूछताछ की तो उसने अपनी पीड़ा बतायी। सरिता ने लोगों को बताया कि उसके पास दवा के लिए भी पैसे नहीं थे। दो बोतल पानी चढ़ाया गया था और हॉस्पिटल की नर्से बाहर से दवा लाने को कह रही थीं।

गांव वालों ने ऑटो से भेजा घर

महिला की गोद में बच्चे की मौत की सूचना मिलने के बाद टोटो के ग्रामीणों ने आपस में चंदा किया और टोटो से बरांग तक पहुंचाने के लिए टेंपो रिजर्व कर महिला और उसके बच्चे को घर भेजा। गांव वालों ने सरिता को कुछ पैसे भी दिए। उसने बताया कि घर में उसका कोई नहीं है। उसका चार वर्षीय पुत्र परदेसिया भी बीमार है। वह स्वयं भी बीमार लग रही है।

रेफर किया, पर एंबुलेंस नहीं दी सरिता के पति मंगल उरांव की मौत हो चुकी है। उसका घर घाघरा प्रखंड के बरांग गांव में है। गुमला से बरांग की दूरी 50 किलोमीटर है। 13 अगस्त से उसके एक साल के बेटे बिफैया उरांव का इलाज गुमला के सदर अस्पताल में चल रहा था। शुक्रवार को उसकी हालत बिगड़ी, तो डॉक्टर ने कहा कि उसे रांची ले जाना होगा। सरिता ने बच्चे को रांची ले जाने की व्यवस्था करने की मांग की। लेकिन, हॉस्पिटल की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी। इस पर वह बीमार बच्चे को गोद में लेकर अपने घर जाने लगी। अस्पताल में बच्चे को बुखार की कुछ दवा दी गई थी और दो बोतल स्लाइन चढ़ाया गया था।

हॉस्पिटल प्रबंधन की दलील, इलाज में नहीं हुई कोताही

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के इलाज की पूरी व्यवस्था की गयी थी। उसके पेट में जख्म था और टीबी के भी लक्षण थे। पांच दिनों से बच्चे का इलाज चल रहा था। शुक्रवार को उसकी मां बीमार बच्चे को चुपचाप लेकर अस्पताल से चली गयी।

Posted By: Inextlive