मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड और लश्‍कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी की रिहाई को लेकर चीन ने भारत को अपना असली चेहरा दिखा दिया है। जानकारी के अनुसार लखवी की रिहाई को लेकर पा‍क के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाले भारत के कदम पर चीन ने जंजीर बांध दी है।

कुछ ऐसी है जानकारी
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो संयुक्त राष्ट्र समिति ने भारत के आग्रह पर बैठक का आयोजन किया। बैठक में मुंबई हमले को लेकर लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा जाना था। ऐसे में चीन के प्रतिनिधियों ने यह कहकर इसे रोक दिया कि भारत की ओर से उन्हें पर्याप्त सूचना नहीं दी गई।
भारत ने लिखा था UN का पत्र
इससे जुड़ी पूरी जानकारी पर गौर करें तो पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में समिति के प्रमुख जिम मैकले को लिखे पत्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने यह बात कही थी कि ये आतंकवादी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का सरासर उल्लंघन है कि लखवी को पाक अदालत की ओर से रावलपिंडी की जेल से ही रिहा कर दिया गया। पत्र में यह बात भी कही गई कि अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के सदस्यों और इनसे जुड़ी इकाइयों पर प्रतिबंध सरीखे कदम लागू होते हैं।
एक नजर पूरे मामले पर
गौरतलब है कि समिति में संयुक्त राष्ट्र के पांचों स्थाई देश और 10 अस्थाई देश शामिल होते हैं। ऐसे में अमेरिका, रूस, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों ने लखवी की रिहाई पर गहन चिंता व्यक्त की थी। इन देशों की ओर से भी लखवी की दोबारा गिरफ्तारी की मांग की गई थी। यहां एक और बात याद दिला दें कि मुंबई हमले में लखवी और छह अन्य लोगों को पाकिस्तान में अभियुक्त के तौर पर बंदी बनाया गया था। 2008 में नवंबर के महीने में मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हुए आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। इसी जुर्म में पाक अदालत ने बंद लखवी को इस साल 9 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था।

Hindi News from World News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma