बहुमंजिला इमारत खड़ा करना सुसाइड के समान

-सीएम नीतीश कुमार ने कहा-बिल्डिंग बाइलॉज का पालन करना जरूरी

-डिजास्टर अवेयरनेस के लिए हर लेवल पर दी जाएगी ट्रेनिंग

PATNA: बिहार शुरू से ही आपदा प्रभावित राज्य रहा है। आपदा को रोका तो नहीं जा सकता, पर इससे होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। यह संभव है सामूहिक प्रयास और अवेयरनेस से। इसी ध्येय के साथ होटल पाटलिपुत्रा अशोक में डिजास्टर रिस्क रीडक्शन पर एक स्टेट लेवल कान्फ्रेंस डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की ओर से ऑर्गनाइज किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आपदा का मुकाबला धैर्यपूर्वक किया जाना चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर दिया जाएगा। अर्बन बॉडी से लेकर स्कूल स्तर तक सभी को अवेयर और प्रशिक्षित किया जाएगा, उन्होने कहा कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीडि़तों का है।

जरूरी है तैयारी

सीएम ने कहा कि आपदा में तैयारी सबसे अधिक मायने रखती है। स्टेट में लोग बाढ़, सूखा, भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं। पहले धान की फसल चौपट होती थी, तो रबी से उसकी भरपाई हो जाती थी। इस बार तो मौसम की मार से रबी की फसल भी बर्बाद हो गई है।

जिला स्तर पर होगी ट्रेनिंग

मानक का पालन करके ही इससे होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सकता है। इसके लिए स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं, जिससे आपदा की स्थिति में राहत कार्य प्रभावी तरीके से किया जा सके, उन्होने कहा कि सरकार ने प्रत्येक आपदा के लिए मानक बना दिया है। सरकारी बिल्डिंग भूकंपरोधी बनाए जा रहे हैं। विभाग के वाइस प्रेसिडेंट अनिल सिन्हा ने कहा कि इससे बचाव के लिए शहरी निकायों से लेकर स्कूलों तक सभी को हर जिला स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी।

अतिक्रमण आत्महत्या समान

पटना सहित कई शहरों में अवैध निर्माण कर बहुमंजिला इमारत खड़ा करना बेहद बुरा परिणाम ला सकता है। सीएम ने कहा कि अतिक्रमण कर बहुमंजिला इमारत खड़ा करना आत्महत्या के समान है। सुरक्षित भवनों का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके लिए बिल्डिंग बाइलॉज का अनुपालन आवश्यक है। बिल्डिंग कोट डिफाइन किया गया है। सरकारी भवन भूकंपरोधी बन रहे हैं। भूकंपरोधी भवन का निर्माण नहीं करना भी क्राइम है। सीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2005-15 तक के विभाग का स्टेटस रिपोर्ट जारी किया, उन्होंने कहा कि सुरक्षित ढांचा बनना चाहिए। आपदा से निपटने के लिए बुनियादी बातों की जानकारी दी जानी चाहिए। आपदा का धैर्य के साथ मुकाबला करना होगा।

जल्द ही बनेगा रोडमैप

डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्टर लेसी सिंह ने कहा कि 21 अप्रैल से बिहार सूबा प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। डिपार्टमेंट का लक्ष्य है कि इस दौरान कम से कम जान-माल की क्षति हो, उन्होंने कहा कि दो दिनों की चर्चा के दौरान जो सुझाव आएंगे, डिपार्टमेंट उसके आधार पर रोड मैप तैयार करेगा।

आपदा नहीं हो भारी, जब पूरी हो तैयारी

चीफ सेक्रेटरी अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा अचानक आती है। आपदा के समय रिस्पांस टाइम जितना कम होगा, उतनी ही जान माल की क्षति को कम किया जा सकेगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल सिन्हा ने कहा कि आपदा के समय या तो लोग मूकदर्शक बन जाते हैं या ओवर रिएक्ट करते हैं। जबकि ध्यान दें कि आपदा के समय हम क्या और कैसे करना है। नारा दिया कि आपदा नहीं हो भारी, जब पूरी हो तैयारी।

नेशनल रोड मैप की जरूरत

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के प्रो। उदयकांत मिश्र ने शिक्षण संस्थानों को आपदा प्रबंधन से जोड़ने की बात कही है। प्रो। एएस आर्य ने कहा कि नए निर्माण में निर्माण लागत का पांच फीसद व पुराने निर्माण की मौजूदा लागत का 10 फीसद खर्च कर मकान को मजबूत बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के कमल किशोर ने कहा कि राज्यों को साथ ले राष्ट्रीय स्तर पर आपदा से निपटने के लिए रोड मैप बनाने की जरूरत है।

Highlights

डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेट्री व्यासजी ने मार्च, ख्0क्भ् में जापान के सेनडई में हुए कांफ्रेंस की चर्चा की, उन्होंने बताया कि पांच प्रमुख बातें हैं -स्ट्रक्चरल मिटिगेशन, नॉन स्ट्रक्चरल मिटिगेशन, कैपेसिटी बिल्डिंग एंड ट्रेंनिंग, अर्ली वार्निग सिस्टम और पब्लिक अवेयरनेस एंड एजुकेशन। इस सम्मेलन में ख्0फ्0 तक आपदा से होने वाली मौतों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

Posted By: Inextlive