RANCHI: कोरोना वायरस का कहर जहां एक ओर चीन की अर्थव्यवस्था पर असर डाल रहा है, वहीं पर्यटकों द्वारा इसे लेकर घूमने-फिरने से किए जा रहे परहेज ने टूरिज्म इंडस्ट्री भी हांफ रही है। रांची का आलम भी कुछ ऐसा ही है। राजधानी के लोग घूमने-फिरने के शौकीन तो हैं, लेकिन कोरोना के कारण अच्छी-खासी संख्या में लोगों ने अपने प्लान कैंसिल कर दिए हैं। इससे ट्रैवल एजेंट्स को जोर का धक्का लगा है।

70 परसेंट बुकिंग कैंसिल

होली और गर्मी की छुट्टियों में इस बार रांची के लोग घूमने के लिए एशियन कंट्रीज जाने से कन्नी काट चुके हैं। स्थिती यह है कि अब तक सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और हांगकांग जाने वालों ने पहले से की गयी बुकिंग भी कैंसिल कर दी है। रांची के ट्रेवल एजेंट्स की मानें तो इस बार 70 प्रतिशत लोगों ने वेकेशन की बुकिंग अब तक कैंसिल कर दी है।

घरेलू पर्यटन में होगा इजाफा

राहत वाली बात यह है कि इस साल घरेलू यातायात बढ़ने की संभावना है। ट्रेवल एजेंट्स का कहना है कि इस बार वेकेशन में लोग भारत के विभिन्न शहरों में घूमने को तरजीह दे रहे हैं।

फुकेट है पहली पसंद

ट्रेवल एजेंट आनंद कुमार ने बताया कि रांची के लोग इंडिया से बाहर थाइलैंड और मलेशिया जाने का टिकट सबसे अधिक बुक कराते हैं। शहर के लोगों की पहला पसंद फुकेट शहर है। हर छुट्टी में लोग इस शहर के लिए निकल जाते हैं। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण लोग पहले से बुक किया टिकट भी कैंसिल करा रहे हैं।

रांची आने के बाद नहीं जा रहे वापस

कई लोग चीन सहित दूसरे कई देशों में नौकरी करते हैं। वे इन दिनों रांची में हैं, अब लोग अभी अपनी नौकरी पर भी नहीं जा रहे हैं। कई छात्र जो चीन के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहे हैं, वे अपने घर आ गये हैं। अब वे कोरोना वायरस के कारण वापस कॉलेज नहीं जा रहे हैं।

40 फीसदी होती थी बुकिंग

वेकेशन में शहर से होने वाली कुल बुकिंग में से 40 से 45 फीसदी बुकिंग केवल एशियाई देशों के लिए होती थी। लेकिन इस बार यह रुख देखने को नहीं मिल रहा है। ट्रेवल एजेंसीज के अनुसार, अब लोग सिंगापुर, हांगकांग, कंबोडिया, मकाऊ, मलेशिया, थाईलैंड जाने की जगह अपने देश में ही घूमना पसंद कर रहे हैं।

एयरलाइंस को हुआ घाटा

ट्रेवल एजेंट्स की मानें, तो हर महीने विभिन्न एयरलाइंस ट्रेवल के कारण जितना रेवेन्यू जनरेट करती थीं, कोरोना फैलने के बाद बीते एक महीने में उन्होंने केवल 30 फ सदी रेवेन्यू ही जनरेट किया है। यानी विभिन्न एयरलाइंस को 70 फीसदी का घाटा हुआ है। कुछ एयरलाइंस ने जून-जुलाई तक इन देशों की फ्लाइट भी कैंसिल कर दी है।

अपने देश में नहीं है इसका असर

कोरोना वायरस के कारण जहां इंटरनेशनल टूरिज्म पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, वहीं भारतीय टूरिज्म को इस बार इससे लाभ मिलने की संभावना है। ट्रेवल एजेंट्स की मानें, तो इस साल भारतीय टूरिज्म 40 फीसदी तक बढ़ सकता है। क्योंकि देश में कोरोना वायरस का कोई असर नहीं है।

गर्मी छुट्टी के लिए लोगों ने पहले से ही साउथ एशिया में घूमने के लिए टिकट कराया है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब वो अपना टिकट कैंसिल करा रहे हैं।

आनंद कुमार, क्षितिज ट्रेवल, रांची

Posted By: Inextlive