दुनिया के सबसे बूढ़े राष्ट्रपति का तख्तापलट
जिम्बाब्वे में सेना ने किया तख्तापलट
जिम्बाब्वे की सेना ने आज देश पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। सेना के शीर्ष अधिकारियों ने तख्तापलट से इनकार किया है। 93 वर्षीय राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने कहा कि वह नजरबंद हैं। सेना के वाहनों ने हरारे में संसद के बाहर की सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने रात के समय राष्ट्रीय टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित किया। मेजर जनरल सिबुसिसो मोयो ने कहा हम राष्ट्र को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि राष्ट्रपति और उनका परिवार सही सलामत है और उनकी सुरक्षा की गारंटी है। जनरल ने कहा हम केवल उनके आस-पास उन अपराधियों को निशाना बना रहे हैं जो अपराध कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जैसे ही हमारा अभियान पूरा होगा हालात पुन: सामान्य हो जाएंगे। मोयो ने कहा यह सैन्य तख्तापलट नहीं है। सैन्य जनरलों के इन कदमों ने वर्ष 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में सत्ता पर काबिज मुगाबे के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा कर दी है।
तुर्की की सेना के एक गुट द्वारा टैंकों और लड़ाकू विमानों की मदद से सरकार का तख्ता पलटने की कोशिशों के बीच राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने इस्तांबुल में दावा किया है कि सत्ता पर उनका नियंत्रण बना हुआ है और विरोधियों की साज़िश को नाकाम कर दिया गया है। सेना के नवनियुक्त प्रमुख जनरल उमित दुंदार ने बताया इस मामले में वायुसेना, सैन्य पुलिस और सशस्त्र बलों के अधिकारी मुख्य रूप से शामिल हैं। तख्तापलट के इस प्रयास के सेना के किसी भी उच्चपदस्थ अधिकारी का समर्थन हासिल नहीं था और देश के मुख्य विपक्षी दलों ने भी सरकार को उखाड़ फेंकने की इस कोशिश की भर्त्सना की। रातभर चली हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1440 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि 2839 साजिशकर्तओं को हिरासत में लिया जा चुका है।
1999 में नवाज शरीफ जब श्रीलंका गए हुए थे तभी लौटते हुए परवेज मुशर्रफ ने उनकी सरकार का तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद सत्ता से बेदखल हुए नवाज 2008 में ही पाकिस्तान लौट पाए थे। 2013 में पीएम बनने के बाद से ही उन्हें पाकिस्तानी सेना की तरफ से जबरदस्त दबाव झेलना पड़ रहा था। मुमकिन है पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद नवाज शरीफ को फिर गिरफ्तारी और तख्तापलट का डर सता रहा हो इसलिए उन्होंने लंदन भागने में ही भलाई समझी है।