दीपावली की आतिशबाजी में अपने पेट्स का रखें ध्यान

धमाकों की आवाज से पेट्स आ जाते हैं स्ट्रेस व ट्रॉमा में

BAREILLY:

दिन भर दीपावली के लिए खरीदारी, शाम को रंगोली-कंदील से सजावट की तैयारी और फिर रात गहराते ही आतिशबाजी। दीपावली फेस्टिवल का पूरा लुत्फ उठाने की प्लानिंग हो चुकी होगी। घर के हर मेंबर के चेहरे पर त्योहार की खुशी भी झलक रही होगी। लेकिन परिवार का एक छोटा मेंबर इस खुशी में शामिल नहीं होगा। आपका अपना प्यारा पालतू। जिसके लिए आपकी दीवाली पर आतिशबाजी का मजा, किसी सजा से कम नहीं। दीवाली बेशक आपके लिए खुशियों भरा पर्व है। लेकिन इसमें होने वाली आतिशबाजी व पटाखों का धमाका आपके पेट्स को बीमार कर देता है। इस दौरान पेट्स न सिर्फ डरे-सहमे रहते बल्कि खाना-पीना तक छोड़ देते हैं।

ट्रॉमा व स्ट्रेस के शिकार

आतिशबाजी से होने वाली तेज रोशनी व धमाकेदार तेज आवाज वाले पटाखे आपके पालतू को डरा देते हैं। तेज आवाज वाले धमाकों को सुन पेट्स घबराकर इंसानों की तरह ही ट्रॉमा या सदमे में आ जाते हैं। अचानक होने वाले धमाकों की आवाज उन्हें किसी खतरे की तरह लगती है। दीपावली के दौरान तीन-चार दिन लगातार ऐसा ही माहौल होने पर पेट्स कई बार इससे घबराकर स्ट्रेस की हालत में आ जाते हैं। ऐसे में अपने पेट्स को सबसे अंदर के कमरे में ही रखे। उनके सामने पटाखे न जलाएं।

पटाखों की गंध खतरनाक

आतिशबाजी के दौरान हवा में पटाखों से निकला धुआं मिल जाता है। इससे माहौल में धुंध सी बन जाती है। इस हवा में पटाखों में मिले केमिकल की जहरीली गंध भी शामिल होती है। इससे पेट्स को काफी दिक्क्त होती है। उन्हें आंखों व फेफड़े में जलन होती है। वहीं गलती से पटाखे निगल लेने या चाटने से बारूद पेट्स के पेट में चला जाता है। जिससे उन्हें कई गंभीर बीमारी का खतरा होता है।

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Posted By: Inextlive