चीन की एक तिब्बती वेबसाइट ने दलाई लामा पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि उनकी नीतियां नाज़ियों जैसी है. वेबसाइट में ये भी कहा गया कि दलाई लामा तिब्बियों को आत्मदाह के लिए उकसाते हैं.

चीन सरकार की तिब्बती वेबसाइट (www.tibet.cn) पर छपे लेख को चीन के सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने भी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया. चीन के तिब्बती इलाकों में आत्मदाहों की कई घटनाओं के बाद इसे चीन की अब तक की सबसे तल्ख टिप्पणियों के तौर पर देखा जा रहा है.

पिछले एक साल में करीब 30 बौद्ध भिक्षुओं ने आग लगाकर आत्मदाह किया है. ये लोग धर्म और संस्कृति के खिलाफ चीन सरकार की कथित दमनकारी नीतियों का विरोध कर रहे थे.
वेबसाइट पर छपी कमेंटरी में कई सरकारी अधिकारियों ने दलाई लामा पर तिब्बतियों को आत्मदाह के लिए भड़काने का सीधे तौर पर आरोप लगाया.
दलाई लामा ने आत्महत्या करने वालों के हिम्मत की दाद दी है और इसे तिब्बत में चीन का ‘सास्कृतिक नरसंहार’ बताया है, लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि वो इस तरह के प्रदर्शनकारियों का समर्थन नहीं करते क्योंकि वो मानते हैं कि इससे चीन और कड़ा रूख अपना सकता है.

'उकसावा'
तिब्बत पर चीन की सरकार का पक्ष रखने के लिए साल 2000 में स्थापित की गई इस वेबसाइट में आरोप लगाया गया है कि दलाई लामा तिब्बतियों को आग लगाकर आत्मदाह के लिए उकसाते है.
वेबसाइट पर ये भी कहा गया है कि दलाई लामा नात्ज़ी नीतियों की तर्ज पर नस्लीय आधार पर वियोजन की हिमायत करते है.

इस आरोप पर धर्मशाला में स्थित दलाई लामा के कार्यालय से कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं आई है.

एक आंदोलनकारी समूह, ''लंदन बेस्ड फ्री टिबेट'' ने शुक्रवार को तिब्बतियों के आत्मदाह की एक ताजा घटना का वीडियो जारी किया. वीडियो में इस महीने की शुरूआत में आत्मदाह कर चुके 44 वर्षीय किसान सोनम थारगयाल अपने को आग लगाने से पहले खुद पर केरोसीन तेल छिड़कते देखे गए.

आलोचना
चीनी वेबसाइट में दलाई लामा के उस बयान पर भी आलोचना की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि तिब्बती स्कूलों में चीनी भाषा के बढ़ते प्रयोग से तिब्बती संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा.
कम्मेंटरी में कहा गया, ''दलाई लामा अभी तक अपने को मालिक समझते है, तिब्बत को अपनी सम्पत्ती और लोगों को नौकर.''
चीन की सरकार का दावा है कि उसने अल्पसंख्यक इलाकों में भारी निवेश करके वहां की जीवनशैली बेहतर बनाई है, जबकि दलाई लामा के 1958 में भारत जाने से पहले तिब्बती इन इलाकों में निम्न सुविधाओं में रहते थे.
वेबसाइट के अनुसार दलाई लामा चीन को विभाजित कर दोबारा तिब्बत दासत्व शुरू करना चाहते हैं. इधर दलाई लामा ने कहा है कि उनका उद्देश्य चीन में स्वायत्ता तो बढ़ावा देना है.

Posted By: Garima Shukla