UN को क्यों लगता है दिल्ली मेट्रो नहीं झेल पाएगी भूकंप
होगा 4100 करोड़ रुपये का नुकसानगत तीन जून को यूनाइटेड नेशन ऑफिस ऑन डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (यूएनआइएसडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन करीब 20 लाख लोग यात्र करते हैं. यह संख्या दुनिया के सौ देशों की कुल आबादी से भी अधिक है. ऐसे में यदि किसी तरह की प्राकृतिक आपदा की मार पड़ती है तो बड़ी तादाद में एक साथ लोग प्रभावित होंगे और इससे करीब 4100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.आपदा को किया गया नजरअंदाज
संयुक्त राष्ट्र के लिए यह रिपोर्ट बेंगलूर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन सेटलमेंट ने अध्ययन कर तैयार की है. पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क, वेलकम तो पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट आदि ऐसे मेट्रो स्टेशन हैं जो आठ रिएक्टर स्केल तीव्रता पर आए भूकंप में जमींदोज हो जाएंगे. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा जो अगले 10 सालों में आ सकती है, इसे भी नजरअंदाज किया गया है.डीएमआरी ने खारिज की रिपोर्ट
भूकंप के लिए दिल्ली के सर्वाधिक संवेदनशील में भी मेट्रो लाइन ले जाई गई है. जबकि मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने से पूर्व इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए. यमुना किनारे बने स्टेशन शास्त्री पार्क, वेलकम आदि को बाढ़ से खतरा है. उफनती यमुना अभी तक यहां नहीं पहुंच पाई, लेकिन जो हालात हैं ऐसे में यह स्टेशन जल में समा सकते हैं. हालांकि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर डीएमआरसी का कहना है कि अगर ऐसा होगा तो यह हो सकता है, यह कहना आसान है. दिल्ली में अभी तक जितनी भी मेट्रो लाइन बनाई गई हैं, वे भूकंपरोधी बनी हैं.