क्त्रड्डठ्ठष्द्धद्ब: पांच जुलाई से शुरू होने वाले देवघर श्रावणी मेला को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। हालांकि, देवघर जिला प्रशासन ने मॉक ड्रिल करके कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रावणी मेला शुरू हो सकता है, इसका प्रपोजल बनाकर पर्यटन विभाग को और देवघर श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री को भेजा है। अभी तक भारत सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में अब देवघर श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष जो मुख्यमंत्री होते हैं, उनके निर्णय पर निर्भर करेगा कि मेला इस साल लगेगा या नहीं।

भेजा गया है पत्र

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोरानावायरस संक्त्रमण से बचाव के मद्देनजर जारी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान 31 मई तक सभी धार्मिक स्थलों पर आमजनों के लिए धार्मिक गतिविधियां बंद रखने का निर्देश है। ऐसे में झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और दुमका जिले में बाबा बासुकीनाथ में एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के आयोजन को लेकर स्थानीय प्रशासन असमंजस की स्थिति में है। राज्य सरकार से इस दिशा में उचित मार्ग दर्शन देने का अनुरोध किया गया है। संथाल परगना के आयुक्त अरविन्द कुमार ने देवधर के डीसी और एसपी द्वारा प्रेषित पत्र के आलोक में राज्य के पर्यटन कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग के सचिव को पत्र भेजकर श्रावणी मेला 2020 के आयोजन को लेकर उचित मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया है।

5 जुलाई से 3 अगस्त तक

देवघर जिले में अवस्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और देवघर जिले में अवस्थित बाबा बासुकीनाथ धाम में पांच जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू हो सकता है जो तीन अगस्त तक चलेगा। लगभग एक माह तक चलने वाले इस विश्व प्रसिद्ध मेले में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन और जलापर्ण के लिए रोज करीब एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों का आवागमन होता है जबकि सावन महीने की सोमवारी को तीर्थयात्रियों की भीड़ तीन लाख तक पहुंच जाती है।

पहले से आकलन जरूरी

देवघर डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि वर्तमान कोरानावायरस के संक्त्रमण की स्थिति को ध्यान में रखने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इतनी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के दर्शन और जलार्पण करने की संभावना का आंकलन अग्रिम रूप से किया जाना आवश्यक है। साथ ही कोराना वायरस कोविड 19 के संक्त्रमण प्रतिदिन अधिक हो रहा है। ऐसी स्थिति में मेला के दौरान देश-विदेश से वाहनों से तीर्थयात्रियों का आवागमन माहामारी के संक्त्रमण को ध्यान में रखकर उचित प्रतीत होता है। इस संबध में देवघर जिला प्रशासन द्वारा मेला के दौरान प्रतिदिन सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराते हुए बाबा बैद्यनाथ धाम में जलार्पण कराने की अधिकतक संख्या के आकलन के लिए मॉकड्रिल कराया गया। डीसी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक दिन में सुबह के चार से रात के आठ बजे तक यानी 16 घंटे में अरघा सिस्टम से करीब 25 हजार भक्त जल चढ़ा सकते हैं। हालांकि, नॉर्मल समय में सोमवारी के दिन तीन लाख से अधिक कांवरिया जल चढ़ाते थे।

हर साल आते हैं लाखों कांवरिये

द्वादश ज्योर्तिलिंग के रूप में देवघर में स्थापित बैद्यनाथ मंदिर में सावन में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। पिछले साल 40 लाख कांवरियों ने यहां बाबा का जलाभिषेक किया था, लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण श्रावणी मेला शुरू होने में ही अभी तक संशय बना हुआ है। अगर सरकार कोई दिशा-निर्देश जारी करती भी है तो इस साल कांवरियों की संख्या बहुत कम हो जाएगी।

पांच जुलाई से देवघर श्रावणी मेला का समय निश्चित है। अभी लॉकडाउन चल रहा है। जिला प्रशासन ने मंदिर में मॉक ड्रिल करके यह आकलन किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक दिन में 25 हजार कांवरिया जल चढ़ा सकते हैं। मेला को लेकर क्या आकलन हो सकता है इसका प्रस्ताव हम लोगों ने पर्यटन विभाग और श्राइन बोर्ड के चेयरमैन सीएम को भेजा है। वहां से जो भी निर्देश आएगा उसका हम लोग पालन करेंगे। हमलोगों ने सभी तरह की संभावनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है।

नैंसी सहाय, उपायुक्त, देवघर

अभी भारत सरकार का कोई गाइडलाइन नहीं आया है। धार्मिक स्थलों को अभी खोलने का निर्देश जारी नहीं किया गया है। जब तक कोई भी आदेश सरकार की ओर से नहीं आता है, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है।

-संजीव बेसरा, डायरेक्टर, पर्यटन विभाग, झारखंड सरकार, रांची

Posted By: Inextlive