-दिल्ली में सस्पेक्टेड इबोला मरीज मिलने के बाद बरेली में भी सावधानी

-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था पर फिर तेजी

BAREILLY: एड्स से भी ज्यादा आतंक मचा चुकी इबोला बीमारी ने भारत में दस्तक दे दी है। दिल्ली एयरपोर्ट पर सस्पेक्टेड इबोला मरीज की पहचान से खतरे की घंटी बज गई है। दिल्ली और लखनऊ से समान नजदीकी के चलते बरेली में भी इबोला को लेकर जारी किए गए अलर्ट पर एक बार फिर जिम्मेदार चौकन्ने हैं। प्रीकॉशनरी अलर्ट के तहत फिर से इबोला के मरीज की इलाज व्यवस्था की तैयारियों को परखा जा रहा। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड और यहां की व्यवस्था पर सीएमएस नजर बनाए हुए हैं। हालांकि दिल्ली व लखनऊ सहित अन्य प्रमुख एयरपोर्ट पर इबोला की जांच के इंतजाम कड़े हैं, बावजूद इसके बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इबोला के इमरजेंसी केस के लिए स्टाफ व डॉक्टर्स की तैनाती और उन्हें अलर्ट व अवेयर रखने की कवायद जारी है।

क्ख् बेड की व्यवस्था

इबोला के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने अगस्त में ही सूबे के सभी सरकारी हॉस्पिटल्स को इस बाबत अलर्ट जारी कर दिए थे। शासन ने सभी सरकारी हॉस्पिटल्स को अपने यहां आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने और सस्पेक्टेड इबोला के मरीज के इलाज में बेहद सावधानी बरतने के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद बरेली डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भी एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया। इस वार्ड में क्ख् बेड की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक वार्ड में इबोला मरीज आने की सिचुएशन में डॉक्टर्स व स्टाफ के लिए कवर्ड ड्रेस का इंतजाम नहीं हो पाया है। सीएमएस जल्द ही इसके इंतजाम पूरे करने की बात कर रहे हैं।

90 फीसदी डेथ रेट

वेस्टर्न अफ्रीका, गिनी, लाइबेरिया, सिएरा लियोन और नाइजीरिया में इबोला वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा मरीज आए हैं। इबोला बीमारी की चपेट में आए मामलों में 90 फीसदी मृत्यु दर दर्ज की गई है। सितंबर ख्0क्ब् तक इस बीमारी से ब्ख्9फ् सस्पेक्टेड मरीजों की रिपोर्ट दर्ज की गई। वहीं ख्ख्ब्म् की मौत इबोला के चलते रिपोर्ट की गई। सबसे पहले क्97म् में इबोला वायरस का मामला सामने आया था। लेकिन ख्0क्ब् में इस बीमारी ने अचानक ही एक तरह से महामारी का रूप ले लिया। जिसके चलते 8 अगस्त ख्0क्ब् को व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन को इस बीमारी से बचाव के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनल कंसर्न घोषित करना पड़ा।

इबोला के लक्षण

क्- अत्यधिक कमजोरी

ख्- मंासपेशियों में दर्द

फ्- सिर दर्द

ब्- गले में खराश

भ्- उल्टी

म्- डायरिया

शासन की ओर से पहले ही इबोला को लेकर प्रीकॉशनरी अलर्ट जारी किया गया है। इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही।

7- शरीर पे फफोले

8- किडनी व लीवर प्रभावित

बचाव व रोकथाम

क्- रोगी को डिहाइड्रेशन, सदमा या इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस न हो इसका खास ध्यान रखें। इसके लिए रोगी को आईवी फ्ल्यूड चढ़ाए।

ख्- बुखार के इलाज के लिए पैरासिटामोल दवा का इस्तेमाल करें।

फ्- स्टेयरायड का यूज फायदेमंद नहीं पाया गया, इसका इस्तेमाल सही नहीं।

ब्- एंटी बायोटिक्स का यूज केवल सेकेन्ड्री बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर ही करें।

भ्- रोगी के मल-मूत्र व उल्टी का डिस्पोजल बेहद सुरक्षित तरीके से किया जाए।

म्- रोगी के इलाज में इस्तेमाल मेडिकल उपकरण 0.भ् फीसद सोडियम हाइड्रोक्लोराइड सॉल्युशन से डिइंफेक्ट किए जाएं।

7- रोगी को दूसरे मरीजों व स्वस्थ लोगों के संपर्क में न आने की व्यवस्था करें।

8- इबोला वायरस की पुष्टि के लिए रोगी का सीरम सैंपल 0.ख् से 0.8 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर पर स्टोर कर ख्ब् घंटे में जांच के लिए भेजे।

9- संदिग्ध मरीज के सैंपल की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, एनसीडीसी नई दिल्ली या नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलोजी, एनआाईवी पुणे में भेजें।

- डॉ। विजय यादव, सीएमओ

इबोला को लेकर आइसोलेशन वार्ड तैयार है। वार्ड में क्ख् बेड की व्यवस्था है। जो तैयारियां रह गई हैं, उन्हें पूरा कराया जा रहा है। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस

Posted By: Inextlive