भारतीय चुनाव आयोग ईसीआई ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव 3 चरण में होंगे। 28 अक्टूबर 3 नवंबर व 7 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं 10 नवंबर को परिणाम घोषित होंगे। मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। यहां पढें बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी अन्य जरूरी बातें...

नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा के चुनाव 3 चरण में होंगे। इसमें मतदान का पहला चरण 28 अक्टूबर, दूसरा चरण 3 नवंबर और तीसरा चरण 7 नवंबर को आयोजित होगा। इसके बाद 10 नवंबर को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी। इस दाैरान उन्होंने कहा कि बिहार में 243 सीटों के वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है।

Bihar to vote in 3 phases on 28th October, 3rd and 7th November; results on 10th November, announces Election Commission #BiharPolls pic.twitter.com/8KpZBkv0V4

— ANI (@ANI) September 25, 2020

चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक वोटिंग होगी
पहले चरण में 16 जिलों और 71 सीटों पर चुनाव, दूसरे चरण में 17 जिलों के 94 सीटों पर चुनाव होगा। तीसरे चरण में 15 जिलों में 78 सीटों पर चुनाव होगा। मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। बिहार चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम के 6 बजे तक वोटिंग होगी। नामांकन ऑनलाइन भी किया जा सकेगा। इसके अलावा बूथ स्तर पर थर्मल स्कैनर लगेंगे

In 1st phase, 71 Assembly constituencies in 16 districts, including most of the LWE (Left wing extremism) affected districts will go for poll. In 2nd phase, 94 Assembly constituencies in 17 districts & in 3rd phase, 78 Assembly constituencies in 15 districts will go for poll: CEC https://t.co/yIFN9NX470 pic.twitter.com/KolS9PlXGe

— ANI (@ANI) September 25, 2020

एक बूथ पर सिर्फ 1,000 मतदाता ही मदतान करेंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस के वक्त में बिहार का चुनाव विश्व का सबसे बड़ा चुनाव है। ऐसे में इसके प्रोटोकाॅल का ध्यान रखा जाएगा। एक बूथ पर सिर्फ 1,000 मतदाता ही मदतान करेंगे। पांच से ज्यादा लोग एक साथ किसी के घर जाकर प्रचार नहीं करेंगे। नामांकन के दौरान उम्मीदवार के साथ दो से ज्यादा वाहन नहीं जा सकते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज वोटिंग के आखिरी घंटे में वोट डाल पाएंगे। इसके साथ ही 7 लाख हैंड सैनेटाइजर, 6 लाख पीपीई किट्स, 7,6 लाख बेड्सशीट, 23 लाख हैंड ग्लब्स का इंतजाम भी किया जा रहा है। चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने और स्थिति का जायजा लेने के लिए भारतीय चुनाव आयोग के सदस्यों के एक दल ने इस महीने की शुरुआत में राज्य का दौरा किया था।

To further decongest polling stations & allow more free movement of voters, polling time has been increased by 1 hour. It'll be held from 7 am-6 pm, instead of 7 am-5 pm earlier. However, this will not be applicable to Left-wing affected areas: CEC Sunil Arora. #BiharElections pic.twitter.com/969H3NnGY3

— ANI (@ANI) September 25, 2020
नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार चुनाव लड़ेगा
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसे विपक्षी दल पहले चुनावों को महामारी के कारण स्थगित करने का आग्रह कर रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन (ग्रैंड अलायंस) में सीटों के बंटवारे पर बातचीत की। भाजपा और जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) की गठबंधन सरकार ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार चुनाव में उतरेगा।

#COVID19 patients who're quarantined will be able to cast their vote on the last day of poll, at their respective polling stations, under the supervision of health authorities. This is beside the option of postal facility already extended to them: CEC Sunil Arora. #BiharElections pic.twitter.com/zIvaSyGjH0

— ANI (@ANI) September 25, 2020


राजद पिछले चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी
एनडीए और महागठबंधन के बीच वाकयुद्ध पिछले कुछ दिनों में बढ़ गया है। 2015 में राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बैनर तले जदयू, राजद और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और अन्य सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ा था। 80 सीटों वाली राजद 2015 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, उसके बाद जदयू (71), और भाजपा (53) थी।
सीएम नीतीश कुमार ने राजद से संबंध खत्म किया था
हालांकि, इसमें भाजपा को सबसे बड़ा वोट शेयर (24.42 प्रतिशत) मिला, उसके बाद राजद को 18.35 प्रतिशत और जदयू (16.83 प्रतिशत) को वोट मिला। वहीं चुनाव के बाद 2017 में जेडीयू और आरजेडी के बीच दरार पैदा हुई। इसकी वजह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ नातों को तोड़ दिया और बिहार में सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ अपने संबंधों को फिर से जोड़ा लिया था।

Posted By: Shweta Mishra