जर्मन की एक आदलत ने फेसबुक पर आर्डर फॉलो न करने के चलते एक लाख यूरो का जुर्माना लगाया है। एक उपभोक्‍ता समूह ने सोमवार को कहा कि फेसबुक अपने उपयोगकार्ताओं को बिना सूचित किए कैसे बौद्धिक संपदा इस्‍तेमाल कर रहा था।


फेसबुक पर हुआ मामला दर्जसत्तारूढ़ की खबरों के चलते पिछले हफ्ते फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग एक यात्रा की। जिसमें वह दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया डाटा संरक्षण के लिए जर्मनी में बढ़ रही घृणा की आशंका से प्रेरित नेटवर्क ओर चेहरे में छुपे जादू की एक आक्रमक मुहमि का पीछा शुरु किया। बर्लिन की एक क्षेत्रिय अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि फेसबुक पर्याप्त रूप से नियम और शर्तों को बदलना चाहती है। जिससे कि बौद्धिक संपदा का खंड़न होगा। उपभोक्ता संगठनों के परिसंघ की ओर से यह मामला दर्ज किया गय है। उपभोक्ता कानून से बचता है फेसबुक


फेसबुक लगातार जर्मनी और यूरोप में उपभोक्ता कानून से बचने की कोशशि करता आ रहा है। क्लाउस मुलर ने एक बयान में कहा कंपनियों को न्यायिक फैसलों को लागू करना चाहिए और तब तक उन्हें चुप नहीं बैठना चाहिए। बर्लिन आदलत के लिए एक प्रवक्ता ने सत्तारूढ़ पुष्टि की है। एक जर्मन अदालत ने कहा कि फेसबुक के नियम और शर्तें अभी तक साफ नहीं हुई हैं जो यूजर्स के लिए उनकी बौद्धिक संपदा हैं। तीसरे पक्ष को लाइसेंस देकर तस्वीरों वीडियो का उपयोग किया जा सकता है। बर्लिन कोर्ट ने सुनाया फैसला

बर्लिन कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि फेसबुक को नियमों के शब्दावली में बदलाव करना होगा। महत्वपूर्ण संदेश फेसबुक के पिछले संस्करण के लिए समान बना रहा। आईपी लाइसेंस के विषय में एक बार पहले भी हमारें मामले में प्रावधान को स्पष्ट करने के आदेश का पालन किया। अदालत ने महसूस किया है कि हमारी शर्तों को अपडेट नहीं किया गया। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा जो भुगतान हमे करना है जारी किया जाएगा। 1990 में जर्मनी एक ऐसा देश था जहां शीत युद्ध चल रहे थे। फेसबुक उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के लिए एक कथित अभिमनपूर्ण द्रष्टिकोण है। जहां जासूसी की यादों एडवर्ड स्नोडेन के लिए राज्य द्वारा जो 2013 में खुलासे किए गए उन से हड़कम्प मच गया।

Posted By: Prabha Punj Mishra