तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 22 जुलाई को संसद के बाहर किसानों का धरना शांतिपूर्ण होगा। इस बात की जानकारी खुद भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने दी है।


नई दिल्ली (एएनआई)। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि 22 जुलाई को संसद के बाहर किसानों के नियोजित धरने का पूरा प्लान बताया। उन्होंने ने इस संबंध में न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि यह शांतिपूर्ण विरोध होगा। विरोध मानसून सत्र की निर्धारित तारीखों के बीच होगा, जो 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। हम संसद के बाहर बैठेंगे जबकि सदन में कार्यवाही जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि 200 लोग बस के जरिए संसद जाएंगे। हम बस का किराया चुका देंगे। विरोध का खाका तैयार करने के लिए आज एक बैठक की जाएगी।विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान


इससे पहले, 26 जनवरी को, प्रदर्शनकारियों ने नई दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए और किसानों द्वारा आयोजित 'ट्रैक्टर रैली' के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में पुलिस से भिड़ गए थे। प्रदर्शनकारियों ने मुगल काल के प्रतिष्ठित स्मारक लाल किले में भी प्रवेश किया था और इसकी प्राचीर से अपने झंडे फहराए थे। किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये हैं तीन नए कृषि कानून

किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 , किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020 का विरोध हो रहा है। इससे पहले जारी धरने के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को किसानों ने एक और 'ट्रैक्टर रैली' निकाली और सभी राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपा था। किसानों इस दिन को "कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस" ​​के रूप में मनाया था।

Posted By: Shweta Mishra