बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी न तो कोई सिक्का है और न ही कोई मुद्रा। यह बिल्कुल पोंजी स्कीम की तरह है। सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने किसी भी वर्चुअल करेंसी को मान्यता नहीं दी है इसलिए इनमें पैसा न लगाएं। आप जिस वर्चुअल करेंसी में पैसा लगा रहे हैं उसका इस्तेमाल आतंकी फंडिंग तस्करी और मनी लांड्रिंग जैसे गैर-कानूनी कामों के लिए हो सकता है।


वर्चुअल करेंसी से सरकार ने किया लोगों को आगाहसरकार ने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में निवेश करने वाले लोगों को आगाह किया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में एक वक्तव्य जारी कर कहा कि वर्चुअल करेंसी वैध नहीं है। देश में सरकार या किसी भी नियामक ने किसी भी एजेंसी को वर्चुअल करेंसी के लिए लाइसेंस नहीं दिया है। जो लोग इसका लेनदेन कर रहे हैं, उन्हें इसके जोखिम के बारे में सजग रहना चाहिए। आखिर कैसे डॉलर को चुनौती दे रही है वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन?पासवर्ड खोने और वायरस से भी धन हो सकता है गायब


इसलिए निवेशकों को पोंजी जैसी योजनाओं में फंसने से सचेत रहना चाहिए। वर्चुअल करेंसी का पूरा लेखा-जोखा डिजिटल फॉर्मेट में रहता है इसलिए पासवर्ड खोने या वायरस आने पर धन गंवाने का खतरा भी होता है। मंत्रालय ने कहा कि वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग, तस्करी, ड्रग ट्रैफिकिंग और मनी लांड्रिंग के लिए भी किया जा सकता है। ऐसे में इसे लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। रिजर्व बैंक ने भी दिसंबर 2013, फरवरी 2017 और दिसंबर 2017 में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी के बारे में निवेशकों को आगाह किया था।

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Posted By: Satyendra Kumar Singh