दिल्ली विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित की साख दांव पर लगी हुई है. वे लगातार 15 सालों से दिल्ली की सत्ता में हैं 15 साल से सत्ता में काबिज़ होना एक अहम फ़ैक्टर है और सत्ता विरोधी रुझानों से जूझना कांग्रेस के लिए एक बड़ी समस्या है.


हालांकि शीला दीक्षित अपने चुनावी प्रचार में लगातार दावे करती रही हैं कि उनके शासन काल में दिल्ली की तस्वीर बदल गई, लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि दिल्ली के आम लोगों की मुश्किलें भी इस दौरान खूब बढ़ी हैं.ऐसे में एक नज़र उन समस्याओं पर जिन्होंने दिल्ली की जनता को परेशान करके रखा है, माना जा रहा है कि दिल्ली के मतदाता इन्हीं मुद्दों पर चुनाव में वोट डालेंगे.1. महंगाईदिल्ली में विपक्षी दलों का आरोप है कि आम आदमी इन दिनों महंगाई से त्रस्त है. केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार पिछले 10 सालों से है लिहाजा शीला दीक्षित महंगाई का ठीकरा अपनी पार्टी की सरकार पर भी नहीं फोड़ सकती.


बीते कुछ महीनों में दिल्ली में प्याज के दाम 100 रूपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे. टमाटर भी आम लोगों की पहुंच से बाहर चला गया. डीज़ल और पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों ने आम लोगों के ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने जैसा काम किया.हालांकि शीला दीक्षित ने दावा किया था कि उन्होंने लोगों को महंगाई से बचने की भरपूर कोशिश की लेकिन लोग उनके काम को कैसे आंकते हैं ये देखने वाली बात होगी.2. भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है. कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के शासनकाल में जिस तरह से कथित कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले और 2जी घोटाले सामने आए, उनसे पार्टी को ख़ासा नुकसान उठाना पड़ा है.शीला दीक्षित के लिए भी इस चुनौती से पार पाना ज़्यादा मुश्किल लग रहा है. भाजपा ने उनके ख़िलाफ़ कॉमनवेल्थ गेम्स में गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे.आम आदमी पार्टी के बनने से पहले अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर अन्ना हजार के साथ मिलकर आंदोलन किया था. अब केजरीवाल प्रभावी लोकायुक्त के ज़रिए भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात कह रहे हैं.3. महिला सुरक्षादिल्ली विधानसभा चुनाव में पानी का मुद्दा भी अहम रहा है.आम आदमी पार्टी के सर्वे में दावा किया गया कि दिल्ली के 28% नागरिकों के लिए पीने का पानी सबसे बड़ा मुद्दा है. दिल्ली के कुछ इलाकों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है तो कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां दिन भर में चंद घंटों के लिए पानी की आपूर्ति होती है.वहीं कई इलाके ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों पर निर्भर हैं.

Posted By: Subhesh Sharma