एमबीबीएस की कापी बदलने के खेल में पकड़े गए युवकों के मामले में उप्र की एसटीएफ ने शनिवार को बड़ा पर्दाफाश किया है। एसटीएफ के एसपी आलोक प्रियदर्शी ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि शुक्रवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनसे एमबीबीएस की दो लिखी हुई उत्तर पुस्तिका चार मोबाइल फोन तीन आधार कार्ड एक लाख पांच हजार रुपये बरामद किए गए हैं। ये सीसीएसयू में एमबीबीएस स्नातक परास्नातक एलएलबी आदि परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिका बदलने के खेल में शामिल थे। फर्जीवाड़े से अब तक लगभग 600 अयोग्य छात्रों के डॉक्टर बनने की आशंका है।


एक लाख 20 हजार से डेढ़ लाख रुपयेएसटीएफ ने शुक्रवार को कविराज पुत्र हरपाल सिंह, निवासी शाहपुर, थाना स्योहारा बिजनौर, हाल निवासी जागृति विहार मेरठ, कपिल कुमार पुत्र उदयराम सिंह निवासी गौतमनगर ब्रह्मपुरी मेरठ, पवन कुमार पुत्र सुलतान सिंह  विश्वविद्यालय कैंपस थाना मेडिकल मेरठ, संदीप पुत्र गुलचंद पुत्र जयभीमनगर गढ़ रोड थाना मेडिकल मेरठ को गिरफ्तार किया था। कविराज ने पूछताछ में बताया कि एमबीबीएस छात्रों से वे लोग एक पेपर की उत्तर पुस्तिका बदलने की एवज में एक लाख 20 हजार से डेढ़ लाख रुपये लेते थे। जिसमें दस हजार रुपये विवि से खाली उत्तर पुस्तिका लाने के लिए दिए जाते थे। 65 हजार रुपये लिखित उत्तर पुस्तिका बदलने के लिए पवन व संदीप को दिए जाते थे। बाकि रकम खुद कविराज रखता था।   कौन आरोपित कितना पढ़ा लिखा
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि आरोपित चार साल से यह धंधा कर रहे थे। प्रत्येक वर्ष वह 100 से 150 छात्रों की उत्तर पुस्तिका को बदलवा देते थे।एसटीएफ ने बताया कि संदीप पांचवीं पास है, जो विवि में संविदा सफाई कर्मचारी है। पवन 12वीं पास है और विवि में वरिष्ठ सहायक बाबू के पद पर है। वहीं कपिल भी 12वीं पास है और विवि का सफाई कर्मचारी है। कविराज का विवि से कोई मतलब नहीं है। वह कंस्ट्रक्शन का काम करता है।दो कर्मचारियों को हटाया, एक सस्पेंड चौ। चरणसिंह विश्वविद्यालय की उत्तर पुस्तिका बदलने के मामले में एसटीएफ के पर्दाफाश के बाद विवि प्रशासन ने भी कार्रवाई की है। विवि में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कपिल और संदीप की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जबकि स्थायी कर्मचारी पवन को निलंबित कर दिया गया है। विवि के कुलपति ने मामले की तह तक पहुंचने के लिए जांच कमेटी भी गठित कर दिया है। जांच कमेटी में किन सदस्यों को रखा गया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है, जांच कमेटी इस मामले की पूरी जांच करेगी। कुलपति प्रो। एनके तनेजा ने कहा कि एसटीएफ की जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। विवि स्तर पर भी इसकी जांच शुरू कर दी गई है।  विवि के अफसर पर मेहरबान एसटीएफ, छात्रा को भी खुली छूट


सीसीएसयू में कापियां बदलने के खेल में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा का भी बड़ा रोल है। यह छात्रा एसटीएफ के हत्थे चढ़े एक आरोपित की बेटी है, जो एमबीबीएस कर रही है। इस छात्रा को भी एसटीएफ ने नहीं पकड़ा है वहीं, विवि के एक अफसर के इशारे पर पूरा खेल हो रहा था। इस अफसर को भी एसटीएफ बचाने का प्रयास कर रही है। हालांकि एसटीएफ के एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि जांच में जो भी नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन मेडिकल कॉलेजों के नाम आए सामनेमेरठ मेडिकल कॉलेज, राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर, रामा मेडिकल कॉलेज पिलुखवा, सरस्वती मेडिकल कॉलेज हापुड़, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के कुछ छात्र उत्तर पुस्तिका बदलवाने के नाम पर रकम आरोपितों को दे रहे थे। पांच फरवरी से एमबीबीएस की परीक्षा चल रही है। जिनकी आंसर सीट गोपनीय शाखा में आकर जमा होती है।  हिसार का रहने वाला है आरोपी संदीपएसटीएफ के अनुसार, आरोपित संदीप मूलरूप से हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। वर्तमान में वह गढ़ रोड पर रहता है। उसकी बेटी मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा है। यही छात्रा अन्य छात्रों को अपने जाल में फंसाती थी और कहती थी कि वह उन्हें अच्छे नंबरों से पास करा देगी। यही छात्रा रकम का भी सौदा करती थी।

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Posted By: Shweta Mishra