- कूड़ा कचरा की समस्या से शहरवासी हैं प्रभावित, निगम को बताया जिम्मेदार

- कचरा की समस्या से निपटने के लिए जारी बजट के लूटपाट का लगाया आरोप

BAREILLY:

जब तक जिम्मेदार नहीं सुधरेंगे, शहर की हालत जस की तस रहेगी। क्योंकि इन्होंने ही खूबसूरत शहर बरेली को कचरा सिटी बनाकर रख दिया है। जारी होने वाले बजट की लूटपाट करने की बजाय यदि नगर निगम और बीडीए कुछ काम करते तो आज हालात बेहतर होते। शहर की कमोबेश सभी गलियां, मोहल्ला या मुख्य मार्ग हर जगह फैला कचरा और उफनाती नालियों और नालों से लोगों का सामना हो ही जाता है। जब इस मामले पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहरवासियों से 'प्रॉब्लम ऑफ गार्बेज इन द सिटी' सब्जेक्ट पर बेस्ड 'गर्मी लगी क्या' कैंपेन के तहत चर्चा की तो लोगों ने मन की हर बात बेबाकी से रखी। इस बदहाली के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया।

बनें जिम्मेदार नागरिक

आई नेक्स्ट सैटरडे सुबह 9.30 बजे सूद धर्मकांटा स्थित पारिजात चैरिटेबल आई हॉस्पिटल पहुंची। सब्जेक्ट पर फोकस करते हुए डॉ। भ्रमरेस शर्मा ने कहा कि वर्षो पहले पॉलीथिन व मेडिकल वेस्ट जैसे कचरे समस्या का सबब नहीं थे, जो कचरा घरों से निकलता था, उसे लोग एक जगह जमा करते थे और उसे खाद बनाकर खेतों में डाल देते थे। शहरी एरिया में भी जो कचरा निकलता था, उसका भी निस्तारण हो जाता था। प्लास्टिक का चलन बढ़ने से आज यह विस्फोटक रूप धारण कर लिया है। यही वजह है कि नाली-नाले चोक हो रहे हैं। आरती मिश्रा ने कहा कि सारे काम यदि खुद ही करने पड़े तो विभाग हैं किस लिए। इन्हें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। प्रदीप शर्मा ने उनका साथ दिया। विमला ने कहा कि निगम को कुछ भी कह लो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इनके अलावा राजेश कुमार, अमित, कंचन, कौशल व अन्य ने निगम को दोषी बताया।

35 वर्षो से नरक में जी रहे

कैंपेन के क्रम में टीम जब दोपहर 11 बजे मनोरंजन सदन के पास 77 कैंट पहुंची तो स्थानीय निवासी कांति देवी ने कहा कि 35 वर्षो से उन्होंने एक भी सफाईकर्मी कॉलोनी में नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कॉलोनी में शौचालय के टैंक ही नहीं बने हैं। बारिश में वह उफना कर सड़क पर बहता है, जिससे कॉलोनी में बदबू फैल जाती है। रामपाल ने कहा कि यहां कोई कूड़ेदान नहीं है। न ही रोड बनी है। यही हाल शहर के सभी इलाकों को बताया। विमला ने कहा कि रुपया आता है पर जिम्मेदार अपना घर को मेंटेन कराते हैं। किसी को शहरवासियों से कोई मतलब नहीं। डोर-टू-डोर सुना है पर देखा नहीं। रानी ने ड्रेनेज और गार्बेज को शहर की मुख्य समस्या बताई। सुखरानी ने समर्थन करते हुए कहा कि जिम्मेदार कानूनी पचड़ा बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। सफाईकर्मी मनमौजी हैं। मामले पर संजीव कुमार, निखिल, नवीन सिंह, रामपाल, ऋषभ कुमार, तौफीक, नेहा समेत समूचे मोहल्ले की लेडीज ब्रिगेड में आक्रोश दिखा।

काम भी हो रहा 'कचरा'

ऐसा नहीं है कि सिर्फ लोग कूड़े कचरे से परेशान हैं वह नगर निगम के जरिए किए जा रहे कार्यों को भी कचरा ही बता रहे हैं। टीम जब सर्किट हाउस चौराहा स्थित न्यू भगवती कॉम्प्लेक्स पहुंची तो सोमेश शर्मा ने कहा कि बगैर प्लानिंग के ही निगम सिर्फ बजट का कचरा कर रहा है। उन्होंने हाल ही में शहर में बिछाई जा रही सीवर लाइन आने वाले दिनों में फिर से दुरूस्त की जाएगी। क्योंकि यह बिछाए जाने के दौरान निवासियों से कोई बात नहीं की गई। गौतम प्रकाश ने बात का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने दो माह पहले कॉम्प्लेक्स में शौचालय बनवाए, जो अब बारिश में ओवरफ्लो होकर बहेंगे। क्योंकि कॉम्प्लेक्स के ठीक सामने नाला खोद दिया गया है, जो बगैर किसी नक्शे के बनाया जा रहा है। यही हाल शहर में बन रहे अन्य 60 नालों का भी होना तय है, जिससे कचरा और गंदगी का फैलना तय है। फिर यही बीमारी का सबब बनते हैं। उनकी इस बात का शिशिर कुमार, राजीव पाठक, पीसी पाठक, पवन बंस, एडवोकेट सर्वजीत सिंह व अन्य ने किया।

चाहे जिस रास्ते से गुजरों हर जगह कचरे के बीच से ही गुजरना पड़ता है। मोहल्लों में सफाईकर्मी अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभा रहे हैं।

डॉ। भ्रमरेस शर्मा

प्रेमनगर में कचरे के चलते नालियां चोक हो रही हैं, जिनकी समय से सफाई नहीं हो रही। निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे।

विजय बंसल

35 वर्षो से कॉलोनी में साफ-सफाई, मेंटीनेंस हुआ ही नहीं। बारिश में बद से बदतर स्थित हो जाती है। अब वोट का बहिष्कार किया जाएगा।

कांति देवी

सिविल लाइन में बगैर प्लानिंग के बनाया जा रहा नाला आगामी दिनों में मुसीबत का सबब बनेगा। शहर में बन रहे सभी नालों की यही स्थिति है।

गौतम सक्सेना

Posted By: Inextlive