Varanasi: एक कनेक्शन छह सिलिंडर मगर इस छह सिलिंडर्स के लिए सौ बवंडर. जी हां कुछ ऐसी ही है सब्सिडी वाले छह सिलिंडर की जद्दोजहद. एक ओर वो लोग हैं जो छह से ज्यादा सिलिंडर्स पाने के लिए दिमाग दौड़ाए जा रहे हैं दूसरी ओर ऑयल कंपनियां हैं तो छह देने के लिए हर कस्टमर को छठी का दूध याद दिला रही हैं. आप भी देखिये कैसी रस्सा-कशी चल रही है कंज्यूमर्स और एजेंसियों के बीच...


KYC को ना करें ignore आप चाहते हैं कि आपके घर का गैस चूल्हा लगातार जलता रहे और सुकून से दो रोटी मिलती रहे तो घर पहुंची नोटिस को इग्नोर मत करिएगा। खासकर तब जब आपके एक ही एडे्रस पर एक से अधिक एलपीजी कनेक्शन हों। यह नोटिस आपकी गैस एजेंसी ने भेजी है। यह वेरिफिकेशन करने के लिए है कि कहीं आपका कनेक्शन फर्जी तो नहीं हैं। दरअसल फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए केवाईसी फॉर्म को गैस एजेंसीज भरवा रही हैं। यदि आपने इसे इग्नोर कर दिया तो आपके एलपीजी कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया जाएगा। फिर लगाते रहिएगा एजेंसी का चक्कर पर चक्कर।बहुत जरूरी है verification


गवर्नमेंट ने सब्सिडी वाले सिलिंडर का कोटा फिक्स्ड करने के साथ ही एक फैमिली में एक गैस कनेक्शन की व्यवस्था लागू की है। तब से इसे लेकर काफी हाय-तौबा मची हुई है। सिटी में सिलिंडर सप्लाई करने वाली कंपनियों  ने अपने-अपने कंज्यूमर्स कावेरीफिकेशन करना शुरू कर दिया है। वाराणसी एलपीजी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कुमार अग्र्रवाल के अनुसार वेरीफिकेशन के लिए गैस एजेंसीज उन कंज्यूमर्स को नोटिस भेज रही हैं जिनका एक एडे्रस या एक नाम पर एक से अधिक कनेक्शन हैं। सिटी में इस तरह के 50 हजार कंज्यूमर्स को नोटिस भेजी गयी है। इसमें लिखा गया है कि समय सीमा के अंदर एजेंसी में आकर कनेक्शन का वेरिफिकेशन करा लें।वरना बुझ जाएगा चूल्हाएसोसिएशन के स्पोक पर्सन मनीष चौबे ने बताया कि अब हर कंज्यूमर को केवाईसी फॉर्म भरना जरूरी है। साथ ही उसे एजेंसी की नोटिस के जवाब में यह बताना होगा कि उसका कनेक्शन जेनुइन है। फिलहाल इसके लिए गैस एजेंसीज अक्टूबर माह तक का समय दे रही हैं। इसके बाद जिनका वेरिफिकेशन नहीं हुआ होगा, उसका कनेक्शन बंद कर दिया जाएगा। इसे लेकर कंज्यूमर्स का वेरिफिकेशन किया जाना शुरू हो गया है। इसे लेकर एजेंसीज में भीड़ उमडऩे लगी है। इसके बाद भी ऐसे हजारों कंज्यूमर्स हैं, जिन्होंने अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया है। Highlights - 400000 हैं एलपीजी कंज्यूमर्स शहर में। - 400000 सिलिंडर्स की हर माह होती हैं सप्लाई।- 33 गैस एजेंसीज हैं पूरे शहर में। - 50000 कन्ज्यूमर्स को भेजी गयी है नोटिस।Know your consumersकेवाईसी यानी नो योर कंज्यूमर्स। इस फॉर्म के माध्यम से गैस एजेंसीज अपने कंज्यूमर्स की डिटेल्स जानकारी ले रही हैं। इसके लिए एडे्रस प्रूफ, आईडेंडिटी प्रूफ और कनेक्शन की मूल रसीद की फोटो कॉपी फॉर्म के साथ संलग्न करना होगा। साथ ही कंज्यूमर की पासपोर्ट साइज की फोटो भी चाहिए।

ये भी बताओ घर में कितने कनेक्शन हैं भाईVaranasi: पुरानी कहावत है कि 'तू डाल-डाल तो मैं पात-पातÓ। कहावत भले ही बीते समय की हो लेकिन आज भी कई जगहों पर ये फिट बैठती है। जब से साल में सिर्फ छह सस्ते सिलिंडर्स का चक्कर चला है, तब से लोग जुगाड़ में लग गए हैं। हां, वो इत्मीनान से हैं जिनके घर में पहले से ही दो या दो से ज्यादा कनेक्शन मौजूद हैं। लेकिन ऐसे लोगों पर गैस एजेंसियों की कड़ी नजर है। अब गैस एजेंसियां सभी पुराने कस्टमर्स से एक नया फॉर्म भरवाने जा रही हैं। इस फार्म से ये पता चल ही जाएगा कि एक एड्रेस पर कितने कनेक्शन चल रहे हैं।  भरना होगा जरूरी

इसका नाम है 'डिफरेंट नेम सेम एड्रेसÓ फॉर्म। ये उन कंज्यूमर्स को भरना है जिनके पास पहले से गैस कनेक्शन मौजूद है और उनके एड्रेस पर अन्य नाम से भी गैस के कनेक्शन दिए गए हैं। उन्हें इस फॉर्म के जरिए ये बताना होगा कि उनके एड्रेस पर कितने और गैस कनेक्शन लिए गए हैं और ये किस-किस नाम से हैं। एक घर में कितनी फैमिली रहती है। कस्टमर जब बुकिंग कराने जाएगा तभी उससे ये फॉर्म भरवा लिया जाएगा। कस्टमर को ये फॉर्म भरना ही पड़ेगा। स्लिप से मिलेगी जानकारी वहीं अब गैस बुकिंग के समय दी जाने वाली स्लिप भी बदल गयी है। अब कस्टमर को मिलने वाली स्लिप में संख्या लिखी है। ये संख्या ये बताएगी कि कस्टमर के पास सब्सिडी वाले कितने सिलेंडर पहुंच चुके हैं। जैसे ही कस्टमर के सब्सिडी वाले सिलेंडर खत्म होंगे बुकिंग करने वाले को बता दिया जाएगा कि आपको अगला सिलेंडर कितने का पड़ेगा। अब हर महीने पेट्रोलियम प्राइज के अनुसार बिना सब्सिडी वाले गैस के दामों में उतार चढ़ाव भी होंगे। बुकिंग के समय जब कस्टमर इसको लेने की सहमति देगा तभी बुकिंग की जाएगी। "कंज्यूमर से गैस एजेंसियों में डिफरेंट नेम सेम एड्रेस फॉर्म भरवाया जाने लगा है। इसमें उसे बताना होगा कि घर में कितने परिवार हैं और कितने कनेक्शन। जो ये फॉर्म नहीं भरेगा उसकी बुकिंग नहीं की जाएगी।कुमार अग्रवाल, प्रेसिडेंट, वाराणसी एलपीजी कनेक्शन "नया साफ्टवेयर तुरन्त बता देगा कि एक एड्रेस पर कितने गैस कनेक्शन है। ये साफ्टवेयर गैस एजेंसियों और गैस कम्पनियों दोनों में मौजूद होगा। गैस एजेंसियों को जांच करके सारी डिटेल कम्पनियों को देनी है। मनीष श्रीवास्तव, स्पोक्स पर्सन,  वाराणसी एलपीजी कनेक्शन बेजा कमाई पर हो रही लड़ाई
Varanasi: कुकिंग गैस सिलिंडर सप्लाई में सस्ते वाले सिर्फ छह सिलिंडर्स की पाबंदी अभी पब्लिक के लिए कोढ़ बनी ही थी कि अब इसमें एक नया खाज भी शामिल हो गया है। ये खाज है सिलिंडर्स के रेट को लेकर। गैस एजेंसी के कर्मचारी और ट्रालीमेन कमीशन के नाम पर फिक्स रेट से ज्यादा रुपये वसूल रहे हैं। मजे की बात यह कि गवर्नमेंट ने हर सिलिंडर पर एजेंसी ओनर्स का कमीशन बढ़ा दिया है। बावजूद इसके कंपनी की ओर से मिलने वाले कमीशन अलग कमीशन की बात करके पब्लिक से वसूली की जा रही है। बात लड़ाई झगड़े तक पहुंच जा रही है। हो रही मनमाना वसूली लंबे समय से कमीशन बढ़ाने की मांग कर रहे एजेंसी ओनर्स को गवर्नमेंट ने राहत दे दी। प्रति सिलेंडर 11.42 रुपये कमीशन एक झटके में बढ़ा दिया। इससे डोमेस्टिक सिलेंडर का रेट 406 रुपये से बढ़कर लगभग 417 रुपये हो गया। लेकिन गोदामों पर सिलेंडर लेने पहुंचने वाले और घर डिलेवरी देने वाले ट्रालीमैन कंज्यूमर से 430 तक रुपये वसूल रहे हैं। यह तो एक बानगी है। कई जगह तो इससे भी अधिक रुपये कमीशन के नाम पर ले लिए जा रहे हैं। न देने पर बैरंग वापस लौटा दिया जा रहा है। गोदाम पर तैनात कर्मचारी कंज्यूमर्स को सिलेंडर ही नहीं दे रहे हैं। डेली तू तू मैं मैंतय रेट से अधिक लेने के कारण डेली एजेंसी के कर्मचारियों व कंज्यूमर्स के बीच कहासुनी हो रही है। नौबत लड़ाई तक पहुंच जा रही है। हालाकि अभी लोगों ने बीच बचाव कर स्थिति को कंट्रोल कर लिया है। लेकिन समय रहते मनमानी वसूली पर रोक नहीं लगाया तो किसी न किसी दिन कंज्यूमर्स का गुस्सा फूट सकता है। तब स्थिति को संभालना शायद मुश्किल हो। उधर इसकी भनक एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर्स तक लग गयी है। उनसे कई कंज्यूमर्स ने इसकी शिकायत भी कर दी है। पर स्थिति जस की तस है। हालात कब कंट्रोल होगा कहना मुश्किल है। इस मामले में वाराणसी एलपीजी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कुमार अग्रवाल का कहना है कि कंपनियों के रूल के मुताबिक ही हर एजेंसी को फिक्स रेट पर कंज्यूमर्स को सिलेंडर की सप्लाई करना है। कोई भी मनमाना रेट नहीं लिया जा सकता है। यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी शिकायत एजेंसी ओनर्स के अलावा एडीएम सप्लाई से की जा सकती है। "सिलिंडंर का रेट जब से बढ़ा है। तब से एजेंसी और ट्रॉलीमैन की मनमानी बढ़ गयी है। खुलेआम रेट से अधिक रुपये लिए जा रहे हैं। - बृजेश कुमार, मवइया "यह तो सरासर गलत है। जब रेट फिक्स है तो अधिक लेने का सवाल नहीं उठता। फिर क्यों हमसे जबरदस्ती की जा रही है। इसका हमें रसीद मिलना चाहिए। - संतोष सिंह, दुर्गाकुंड "पब्लिक के साथ हो रही ज्यादती पर किसी की नजर नहीं है। जिम्मेदार लोग चुप बैठे हैं। इसका मतलब लूट खसोट में उनकी भी मिलीभगत है।- हर्ष कुमार, शिवपुर

Posted By: Inextlive