-बीएसपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के नाम पर ठगी का राजफाश

-पांच जालसाज अरेस्ट, भारी संख्या में लेटरहेड और लिफाफे बरामद

-बीएसपी के नेताओं को बना रहे थे शिकार

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: 'आजकल हाथ तंग हैंतुम मुझे पांच लाख रुपये भिजवा दोसरकार बनने पर वापस कर दूंगा- नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नेता विरोध दल। बीएसपी के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी की ओर से लिखे पत्र को पढ़कर बीएसपी लीडर नदीम जायसी भी दंग रह गए। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि पूर्व मंत्री की आर्थिक स्थिति इस कदर कमजोर कैसे हो गई जो उनसे रुपये उधार मांग रहे हैं। शक होने पर उन्होंने पूर्व मंत्री से इसकी पुष्टि की तो फर्जीवाड़े का पता चला। जिसके बाद सिद्दीकी के निजी सचिव ने कैंट कोतवाली में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने ट्रैप लगाकर पांच जालसाजों को अरेस्ट कर लिया। उनके कब्जे से पूर्व मंत्री के भारी संख्या में लेटरहेड और लिफाफे बरामद हुए हैं।

लैटर देख हुए दंग

पूर्व दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री और बीएसपी लीडर नदीम जायसी के पास एक शख्स लैटर लेकर पहुंचा। लिफाफे में प्रेषक की जगह नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नेता विरोधी दल लिखा हुआ था। पार्टी की तरफ से कोई निर्देश समझकर नदीम ने लिफाफा खोला। पर, लेटर पढ़ते ही वे दंग रह गए। उसमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी की ओर से लिखा गया था कि । मेरी आर्थिक हालत ठीक नहीं है, आप मुझे 5 लाख रुपये दे दें, सरकार बनने पर रकम लौटा दी जाएगी। शक होने पर नदीम ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के घर पहुंचकर उनसे पत्र की तसदीक की। पर, सिद्दीकी ने ऐसा कोई पत्र लिखने से ही इनकार कर दिया। इसी तरह एक अन्य बीएसपी नेता इजहारुल हक भी ऐसा ही पत्र लेकर वहां पहुंचे। जिसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी के निजी सचिव महावीर सिंह सेंगर ने बुधवार रात कैंट कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी।

ट्रैप लगाकर दबोचा

एसओ कैंट अजय त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने पत्र में लिखे मोबाइल नंबर पर संपर्क करके रकम देने की बात कही। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को नसीमुद्दीन का पीए बताते हुए रकम को कैंट स्थित एसएम पेट्रोल पंप पर पहुंचने को कहा। जिसके बाद एसओ त्रिपाठी सादी वर्दी में कार से बताई गई जगह पर रुपये की डिलीवरी देने के बहाने पहुंचे। एक शख्स उनसे रुपये लेने के लिये उनके करीब आया। जिसे उन्होंने दबोचा लिया। पकड़े जाने पर उसने अपना नाम नागेंद्र यादव बताया। पूछताछ के दौरान आरोपी नागेंद्र ने बताया कि वह पूर्व में सरोजनीनगर के एक लोकल बीएसपी लीडर की गाड़ी चलाता था। वहीं से उसे बीएसपी लीडर्स के नाम पता चले थे। नौकरी छूटने पर उसने मोटी रकम कमाने के लिये यह योजना बनाई। उसने बताया कि उसकी इस करतूत में उसके दोस्त सोनू रैदास, लल्लन गद्दी, अरुण लोधी, शान मोहम्मद भी शमिल हैं। जिसके बाद पुलिस ने उसके साथियों को भी अरेस्ट कर लिया।

Posted By: Inextlive