चाइना से लौटे कोरोना के छह संदिग्ध लापता!
-पासपोर्ट में गोरखपुर का अड्रेस, लेकिन वेरिफिकेशन में पता गलत
-नहीं रिसीव हो रहा है फोन, स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश को भेजी अपडेट -अब तक दिल्ली और कोलकाता के जरिए 43 और गोरखपुर एयरपोर्ट से पांच लोग चाइना से लौटेGORAHKPUR: गोरखपुर में कोरोना वायरस के छह संदिग्ध केस की गुमशुदगी ने स्वास्थ्य महकमे के होश उड़ा दिए हैं। सभी छह मरीज स्वास्थ्य विभाग को ढूंढे नहीं मिल रहे हैं, हालत यह है कि पिछले कुछ दिनों से इन केस को वेरिफाई करने में जिम्मेदारों के पसीने छूट गए हैं। काफी मशक्कतों के बाद भी जब उनकी तलाश नहीं हो सकी है तो जिम्मेदारों ने उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे को खबर कर दी है। अब लोकल लेवल पर इनकी तलाश तो की ही जा रही है, वहीं प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा भी इनकी खोज में जुट गया है। जब तक यह ट्रेस नहीं होते हैं, तब तक स्वास्थ्य महकमे की टेंशन कम नहीं होगी। वहीं, इन लोगों के न मिलने से शहर पर भी खतरा मंडरा रहा है।
38 की लिस्ट में छह का पता नहींगोरखपुर के लिए यूं तो महायोगी महंत अवैद्यनाथ टर्मिनल से सिर्फ पांच लोग ही चाइना से गोरखपुर लौटे हैं। इसके अलावा दिल्ली और कोलकाता टर्मिनल के जरिए भी करीब 38 लोगों को चिह्नित कर केंद्र सरकार ने प्रदेश स्वास्थ्य महकमे को इसकी जानकारी दी है। इन 38 केस में 4 केस गोरखपुर के आसपास के दूसरे जिलों के हैं, जिनके बारे में संबंधित जिम्मेदारों को लेटर भी सीएमओ ने निगरानी के लिए सूचना भी दे दी है। वहीं, गोरखपुर के बाकी 38 केस में से छह लोगों के पासपोर्ट में दिए गए नाम और पते गलत पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने फिजिकल इंस्पेक्शन और वेरिफिकेशन के बाद इसकी रिपोर्ट भी प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को कर दी है।
सबकी हो रही है निगरानी गोरखपुर में चाइना से लौटे सभी लोगों में कोरोना के सिंप्टम्स को लेकर निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का जिम्मेदार उनके घरों में पहुंचकर जरूरी दिशा-निर्देश के हिसाब से उनकी जांच कर रहा है और रोजाना इनका फॉलोअप भी किया जा रहा है। हेल्थ महकमा 14 दिनों तक इन केसेज की निगरानी करेगा, अगर इसके बाद भी कोई सिंप्टम्स नहीं मिलते हैं, तो संबंधित को ग्रीन सिग्नल देकर उसकी निगरानी बंद कर दी जाएगी, वहीं अगर किसी तरह का सिंप्टम्स पाया जाता है, तो उसका सैंपल जांच के लिए पुणे स्थित एनआईवी की लैब भेजा जाएगा। हेल्पलाइन नंबर 0551-2225145, 8005192660 क्या है कोरोना वायरस?कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा ग्रुप है, जो जानवरों में आम है। कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। इसके इंफेक्शन से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी प्रॉब्लम हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है।
कैसे फैलता है? -डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस जानवरों से ह्यूमनबींग में फैला है। -माना जा रहा है कि 2019-सीओवी सीफूड यानि समुद्री जीव खाने से फैला था, लेकिन अब कोरोना वायरस पर्सन टू पर्सन फैल रहा है। -यह कोरोना वायरस से इंफेक्टेड किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। -खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम की वजह बन सकता है। -किसी इंफेक्टेड पर्सन के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का इंफेक्शन हो सकता है। कोरोना वायरस के लक्षण - बुखार आना - सिरदर्द - नाक बहना - खांसी - गले में खराश - फेफड़ों में सूजन - छींक आना - आंख-नाक से पानी - हाथों पैरों में अकड़न - सीवियर इंफेक्शन से निमोनिया - सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम - किडनी फेल्योर क्या करें- अपने हाथ साबुन और पानी से बार बार साफ करें और हाईजीन मेनटेन रखें।
- खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें। - जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें। - बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह और नाक को न छूएं। - मांस, मछली और अंडों को अच्छे से पकाएं। - सब्जी को खूब धो कर अच्छे से पकाएं। - ज्यादा से ज्यादा विटामिन-सी संबंधित मौसमी फल खाएं। वर्जन प्रदेश स्वास्थ्य विभाग से गोरखपुर के 43 लोगों की लिस्ट मिली थी, इसमें 6 केस ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। यह लोग दिल्ली और कोलकाता टर्मिनल के जरिए आए हैं और इनके पासपोर्ट में गोरखपुर आ अड्रेस है। मगर इन अड्रेस पर यह लोग नहीं मिले हैं और फोन भी नहीं रिसीव हो रहा है। प्रदेश को इसकी इंफॉर्मेशन दे दी गई है। जल्द ही यह ट्रेस हो जाएंगे। - डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ