GORAKHPUR: गोरखपुर के पुलिस कर्मियों पर लगातार काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. इससे वे चिड़चिड़े व बीमार हो गए हैं. इसका खामियाजा आए दिन पुलिस अधिकारियों से लेकर पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है. अभी हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें पुलिसकर्मी छोटी-मोटी बात पर भी अपना आपा खो दे रहे हैं.

-बिना छुट्टी 365 दिन, 24 घंटे ड्यूटी करने का है दबाव

-आराम के अभाव में मानसिक रूप से बीमार हो रहे पुलिसकर्मी

- काम के टेंशन में आए दिन पब्लिक से कर रहे अभ्रदता

नहीं मिलती है वीकली ऑफ
जानकारों का मानना है कि पुलिसकर्मियों पर काम का अधिक बोझ होता है। इसके अलावा उनके ऊपर कानून व्यवस्था से लेकर पब्लिक की समस्या, जाम, वीआईपी ड्यूटी और अधिकारियों का भी प्रेशर होता है। किसी तरह समय निकालकर पुलिस कर्मी अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते। ऐसे में वह ड्यूटी के दौरान चिड़चिड़ेपन के शिकार होते जा रहे हैं.दरअसल पुलिस कर्मियों को वीकली ऑफ देने का मकसद था कि उनके ऊपर काम का बेहद अधिक बोझ रहता है। ऐसे में अधिकारियों का मानना था कि मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने व बेहतर काम करने के लिए उन्हें आराम की जरूरत है। इसे देखते हुए दस दिन के कार्यकाल में एक दिन का वीकली ऑफ देने की योजना बनाई गई थी। लेकिन आला अफसरों की उदासीनता के कारण योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

छुट्टी के लिए कड़ी मशक्कत

ऐसे में अभी जहां पुलिस कर्मियों को छुट्टी लेने में अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। वहीं, इसके लिए उन्हें अपना ईएल व सीएल भी गवाना पड़ रहा है। दरअसल 24 घंटे, 365 दिन काम करने वाली यूपी पुलिस के लिए बीते दिनों वीकली ऑफ देने की योजना शुरू हुई थी। इसके लिए आईजी मोहित अग्रवाल ने सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश भी जारी किया था। इसमें यह साफ तौर पर कहा गया था कि प्रत्येक दस दिन के कार्य के बाद जवानों को एक दिन का वीकली ऑफ दिया जाएगा।

केस-1
- 25 जनवरी को कैंट एरिया के हरिओम नगर तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस का एक जवान ड्यूटी कर रहा था। ट्रैफिक एक ओर ट्रैफिक रुकी थी। इस दौरान एक युवक जबरिया बाइक लेकर निकलने लगा। ड्यूटी कर रहे जवान ने उस पकड़ लिया। पहले तो युवक ने अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी, लेकिन बात न बनने पर उसने पुलिसकर्मी से मोबाइल पर अपने किसी परिचित से बात करने को कहा। इतने पर ट्रैफिक पुलिस का जवान बिफर पड़ा और युवक का मोबाइल पटक कर तोड़ दिया। यह देख युवक के पक्ष से भी कई लोग आ गए और मामला अधिकारियों के संज्ञान तक आ गया। हालांकि बाद में जवान को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने स्वीकार किया कि काम के दबाव में उससे यह गलती हो गई। बाद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की पहल पर मामला शांत हुआ।

केस-
16 जनवरी को गोरखनाथ एरिया के रामनगर चौराहे पर खिचड़ी मेले की वजह से भीड़ लगी थी। इस दौरान एक बाइक पर सवार दो युवकों ने वहां तैनात पुलिस कर्मियों से कहीं जाने का रास्ता पूछ लिया। युवकों की गलती सिर्फ इतनी थी कि मेले की भीड़ के दौरान उन्होंने अपनी बाइक सड़क पर ही खड़ी कर दी। इस पर वहां ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों में से एक बौखला गया और उसने युवकों को गालियां देने के साथ दो लाठी तक जड़ दिया। युवकों के विरोध पर पुलिस कर्मी और नाराज हो गए और दोनों को पीआरवी से थाने भिजवा दिया। युवकों के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की। बाद में पुलिस कर्मियों ने भी मेले की भीड़ के दबाव में ऐसा किए जाने की गलती स्वीकारी और युवक को छोड़ दिया।

Posted By: Inextlive