- शासन ने 2017 में सड़क हादसे में हुई मौतों की मांगी डिटेल

- मौत के बाद मुआवजा मिला कि नहीं इसकी भी देनी होगी जानकारी

- विधानसभा में सवाल उठने के बाद परिवहन मंत्रालय से मांगी गई रिपोर्ट

GORAKHPUR: प्रदेश में हर साल सैकड़ों लोग केवल सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं। हादसे में जान गवांने वाले लोगों के परिवार को शासन की तरफ से सहायता राशि दी जाती है। विधान परिषद में मुआवजा से संबंधित सवाल उठने के बाद परिवहन विभाग सक्रिय हो गया है। गोरखपुर सहित प्रदेश के सभी कार्यालय 2017 में हुए हादसों की जानकारी जुटाने में लग गए हैं।

एक हफ्ते में देना है जवाब

गोरखपुर में इस सवाल से संबंधित मुख्यालय से लेटर आ गया है। इसका जवाब बनाकर आरटीओ और आरएम को एक हफ्ते के अंदर भेजना है। लेटर आने के बाद से ही आरटीओ पुलिस की मदद से हादसों की डिटेल जमा करने में लग गया है।

शासन से मिलता है मुआवजा

इसके तहत बड़ी टैक्सी गाड़ी, मोटर टैक्सी, ठेका गाड़ी और मंजिली गाडि़यों से हुए हादसों मे शासन द्वारा तत्काल राहत राशि दी जाती है। शासन की तरफ से हादसे में जान गवांने पर 40 हजार और घायल को 20 हजार रुपए सहायता दी जाती है। वहीं अगर किसी को धक्का मारकर कोई गाड़ी भाग जाती है और उसकी डिटेल मिल नहीं पाती है तो इस कंडीशन में पीडि़त को 25 हजार और 12 हजार रुपए दिए जाते हैं।

कम अमाउंट की वजह से नहीं दिखाते इंट्रेस्ट

शासन की तरफ से दिया जाने वाला एमाउंट बेहद कम होता है। वहीं कोर्ट केस से मृतक के पीडि़त को तीन लाख से लगाए 40 लाख रूपए तक मिलने के आसार रहते हैं। इस कारण हादसे के बाद लोग शासन की तरफ से मिलने वाली सहायता राशि लेने में अधिक इंट्रेस्ट नहीं दिखाते हैं। इसके अलावा सहायता राशि को पाने के लिए अधिक भाग-दौड़ करनी पड़ती है। इस वजह से भी लोग इससे दूरी बना लेते हैं।

इन बिंदुओं पर देना है जवाब

हादसा कहां हुआ, किसी गाड़ी से हुआ, मुआवजा मिला की नहीं, कब मिलेगा, कितनी मौत हुई, कितने घायल हुए समेत बिंदुओं पर जवाब देना है।

प्रदेश में 2273 पैसेंजसर् की मौत?

विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह द्वारा तीन प्रश्न पूछे गए हैं। इसमें पहला सवाल क्या परिवहन मंत्री बताएंगे कि सड़क दुर्घटना में वर्ष 2017 में प्रदेश में 2273 पैसेंजर्स की मौत हुई थी? दूसरा सवाल यदि हां तो मुआवजा मिला कि नहीं? यदि नहीं मिला तो इन मृतकों को कब मुआवजा मिलेगा?

वर्जन

शासन से लेटर आया है। हादसे और मृतकों की डीटेल जमा की जा रही है। एक हफ्ते में जवाब बनाकर भेजना है।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive