- जान पर खेल रेल पटरियों को पार करते रोजाना हजारों लोग

- आरपीएफ की उदासीनता से नहीं होती है कोई ठोस कार्रवाई

- आए दिन हो रहे हादसों के बाद भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार

GORAKHPUR:

आए दिन ट्रेन की चपेट में आने से लोगों की जान जा रही है। बावजूद इसके यात्रियों से लेकर रेल प्रशासन इसके प्रति पूरी तरह लापरवाह है। लगातार हो रही घटनाओं के बाद भी यात्रियों के साथ स्थानीय लोग बड़ी बेपरवाही से जान जोखिम में डालकर सीधे रेलवे ट्रैक को पार करते है। ऐसे में किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हालांकि इसके लिए आरपीएफ की ओर से रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई तो की जाती है, लेकिन सख्ती न होने की वजह से चंद मिनटों के चलते लोग अपनी जिंदगी से खेलने को तैयार हैं। ऐसा नजारा आए दिन आपको रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मो से लेकर धर्मशाला ओवरब्रिज पर देखने को मिल सकता है।

बेखौफ पार कर रहे पटरियां

जहां ट्रैक पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज तो बने हैं, लेकिन जल्दी के चलते लोग इसकी जहमत उठाना मुनासीब नहीं समझ रहे हैं और सामने ट्रेन होते हुए भी बेखौफ रेल पटरियों को पार कर रहे हैं। यही स्थिति जंक्शन की भी है। जल्दबाजी के चलते जान जोखिम में डालकर सीधे रेल पटरियां पार करते हुए प्लेटफार्म बदलते हैं। स्टेशन के पास धर्मशाला पुल के पास बाजार लगती है। ऐसे में रोजाना हजारों लोग स्टेशन के प्लेटफामरें से गुजरते हुए सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आते हैं। जिससे ट्रेनें गुजरते समय दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। हालांकि रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट भी है, लेकिन रेलवे पुलिस पैदल पटरियां पार करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है।

नहीं होती कार्रवाई

हालांकि इसके पीछे अधिकारियों का कहना है कि आरपीएफ पुलिस के सामने खड़े होकर पटरियां पार करने से रोक लगाने पर कुछ देर तो लोग मान जाते हैं और ओवरब्रिज से प्लेटफामरें पर आते-जाते हैं लेकिन पुलिस के हटते ही लोग फिर से पटरियां पार कर प्लेटफार्म बदलते हैं। हालांकि सीधे रेल पटरियां पार करने वालों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई कराई जा रही है।

जागरूकता अभियान रेलवे हो रहा फेल

रेलवे व आरपीएफ पैसेंजर्स को रेल ट्रैक न पार करने के प्रति अवेयर करते हुए मुहिम चलाते रहते हैं। आरपीएफ के अलावा रोड सेफ्टी प्रोग्राम ऑर्गेनाइज किया जाता है, लेकिन रेलवे लाइन पार करनेवाले यात्रियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि रेलवे की ओर से चलाया गया रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंपेन भी फेल हो गया। इस अभियान का असर दो-चार दिनों तक दिखाई दिया, लेकिन स्थिति दोबारा पहले जैसी हो गई। वैसे आरपीएफ और रेलवे की ओर से चलाये गये रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंपेन के दौरान गोरखपुर सहित विभिन्न स्टेशनों पर रेलवे ट्रैक पार करते हुए कई यात्रियों को पकड़ा भी जाता रहा है।

अधिसंख्या शवों की नहीं हो पाती है पहचान

रेल लाइन पार करते समय होने वाली मौत की घटनाओं से अधिक दिलचस्प बात यह है कि रेलवे की जिम्मेदार लोगों की अनदेखी की वजह से अधिसंख्य शवों की शिनाख्त नहीं होती है। रेल ट्रैक या उसके आसपास होने वाली मौत में आधे से ज्यादा मामलों में शवों की पहचान नहीं हो पाती है।

जुर्माने का है नियम

रेलवे को सुस्त व दुरुस्त रखने के लिए सैकड़ों रूल बने हैं। वहीं रेलवे ट्रैक पार करने पर रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इतना ही नहीं, इस जुर्म में संबंधित व्यक्ति को छह महीने की सजा और एक हजार रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान बनाया गया है।

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रेलवे ट्रैक पार न करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। रेलवे की ओर से रोजाना ट्रैक पार न करने की उद्घोषणा भी की जाती है। इसके अलावा स्टेशनों पर होर्डिंग्स लगा कर यात्रियों को जागरूक किया जाता है। वहीं अगर मौके पर ट्रैक पार करते समय कोई पकड़ा गया, तो उसे गिरफ्तार कर जुर्माना भी लिया जाता है।

राजाराम, आईजी, आरपीएफ

Posted By: Inextlive